चीन के 'लेजर क्रिस्टल' हथियार से अमेरिका हैरान!

न्यूज डेस्क: चीन ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक ऐसा कदम उठाया है जिसने अमेरिका समेत पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। हेफेई इंस्टीट्यूट्स ऑफ फिजिकल साइंस के वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली बेरियम गैलियम सेलेनाइड (BGSe) क्रिस्टल विकसित करने का दावा किया है, जो अंतरिक्ष में दुश्मन के सैटेलाइट्स को "अंधा" करने में सक्षम है। इस क्रिस्टल के जरिए चीन उच्च तीव्रता वाले लेजर बीम तैयार कर सकता है, जो अमेरिकी सैटेलाइट्स को अस्थायी या स्थायी रूप से निष्क्रिय कर सकते हैं।

क्या है ये लेजर क्रिस्टल टेक्नोलॉजी?

BGSe क्रिस्टल एक सिंथेटिक पदार्थ है जिसका व्यास 60 मिलीमीटर है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह शॉर्ट वेव इन्फ्रारेड लेजर को मिड और फार-इन्फ्रारेड लेजर में बदल सकता है, जिसकी तीव्रता 550 मेगावाट प्रति वर्ग सेंटीमीटर तक हो सकती है। यह क्षमता मौजूदा क्रिस्टलों से कई गुना अधिक है, जो इस तकनीक को घातक और रणनीतिक रूप से बेहद कारगर बनाती है।

अमेरिका क्यों चिंतित है?

अमेरिका ने पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit) में सैकड़ों उपग्रह तैनात कर रखे हैं, जो खुफिया, निगरानी और संचार जैसे कार्यों में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चीन की यह नई लेजर तकनीक इन सैटेलाइट्स को 'ब्लाइंड' कर सकती है यानी अस्थायी रूप से उनकी ऑप्टिकल या इन्फ्रारेड क्षमता को खत्म कर सकती है। इससे अमेरिकी सेना की ISR (Intelligence, Surveillance, Reconnaissance) क्षमता बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।

चीन की योजना कितनी व्यापक है?

सिर्फ लोअर ऑर्बिट ही नहीं, चीन अब अपनी लेजर क्षमताओं को मीडियम और जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट तक विस्तार देने की योजना बना रहा है। ये वही ऑर्बिट्स हैं जहां अमेरिका के GPS और SBIRS (Space-Based Infrared System) जैसे सैटेलाइट्स तैनात हैं, जो मिसाइल चेतावनी और वैश्विक संचार में अहम भूमिका निभाते हैं।

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