चीन से ये देश खरीद रहे हैं फाइटर जेट्स, देखें लिस्ट

न्यूज डेस्क। दुनिया में लड़ाकू विमानों का बाजार दशकों तक अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों के कब्जे में रहा है, लेकिन अब इस क्षेत्र में चीन एक नए लेकिन प्रभावशाली खिलाड़ी के रूप में उभरा है। कई देश अब चीन के बनाए फाइटर जेट्स की ओर रुख कर रहे हैं — मुख्य रूप से लागत में कमी और बिना राजनीतिक शर्तों के सौदे के कारण।

चीन के प्रमुख ग्राहक

1. पाकिस्तान

पाकिस्तान, चीन का सबसे पुराना और रणनीतिक रक्षा सहयोगी है। दोनों देशों ने मिलकर JF-17 थंडर नामक लड़ाकू विमान विकसित किया है। यह एक हल्का, मल्टी-रोल फाइटर जेट है जो पाकिस्तान वायुसेना की रीढ़ बन चुका है। इसके अलावा, हाल के वर्षों में पाकिस्तान ने चीन से J-10CE फाइटर जेट भी खरीदे हैं, जो एक उन्नत 4.5-जनरेशन का विमान है।

2. म्यांमार

म्यांमार ने भी JF-17 फाइटर जेट्स का चयन किया है। राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ चुके इस देश के लिए चीन से हथियार खरीदना अपेक्षाकृत आसान और बिना शर्तों वाला सौदा है।

3. नाइजीरिया

अफ्रीका का यह बड़ा देश भी चीन से JF-17 जेट्स खरीद चुका है। इसकी वायुसेना के आधुनिकीकरण में चीनी तकनीक ने अहम भूमिका निभाई है। नाइजीरिया ने कीमत और सप्लाई दोनों को ध्यान में रखकर यह विकल्प चुना।

4. अज़रबैजान

हालांकि अभी तक पुष्टि नहीं हुई है कि उसने कितने जेट्स खरीदे हैं, लेकिन अज़रबैजान ने JF-17 में गहरी दिलचस्पी दिखाई है और प्रारंभिक तौर पर कुछ यूनिट्स भी हासिल किए हैं।

पुराने मॉडल अब भी इस्तेमाल में

चीन ने अतीत में अपने पुराने फाइटर जेट्स जैसे J-7 (MiG-21 आधारित) और J-6 (MiG-19 आधारित) भी बांग्लादेश, मिस्र, ईरान, सूडान, तंजानिया, और जिम्बाब्वे जैसे देशों को बेचे थे। हालांकि, इन विमानों की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठते रहे हैं।

कम कीमत, कम शर्तें: यही है आकर्षण

विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के फाइटर जेट उन देशों के लिए आकर्षक विकल्प बन रहे हैं, जो पश्चिमी या रूसी हथियार खरीदने में अक्षम हैं या जिन पर राजनीतिक प्रतिबंध लगे हुए हैं। चीनी जेट्स की कीमत आमतौर पर अमेरिकी या यूरोपीय विकल्पों से काफी कम होती है। साथ ही, चीन हथियारों की बिक्री में आमतौर पर मानवाधिकार या राजनीतिक सुधार जैसी शर्तें नहीं लगाता — जो कई सरकारों को सुविधा जनक लगता है।

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