क्या है ब्रह्मोस-एनजी?
ब्रह्मोस-एनजी दरअसल ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का नया, हल्का और आधुनिक संस्करण है। इसका डिज़ाइन विशेष रूप से ऐसा तैयार किया गया है जिससे इसे आधुनिक लड़ाकू विमानों, नौसेना के जहाज़ों और मोबाइल ग्राउंड प्लेटफॉर्म्स से आसानी से दागा जा सके।
मुख्य विशेषताएँ:
1. हल्का और कॉम्पैक्ट डिज़ाइन
ब्रह्मोस-एनजी का वजन लगभग 1.6 टन है, जो कि मौजूदा ब्रह्मोस मिसाइल (3 टन से अधिक) से कहीं कम है। इसकी लंबाई भी लगभग 6 मीटर है, जो इसे अधिक पोर्टेबल बनाती है। इस छोटे आकार की वजह से एक लड़ाकू विमान में एक के बजाय दो से चार मिसाइलें ले जाना संभव हो सकेगा।
2. जबरदस्त रफ्तार और सटीकता
ब्रह्मोस-एनजी की अधिकतम रफ्तार Mach 3.5 (लगभग 4321 किमी/घंटा) है, जो इसे दुश्मन के रडार और डिफेंस सिस्टम से बचने में सक्षम बनाती है। इसकी 400-600 किलोमीटर है, लेकिन इसे 800 किलोमीटर तक बढ़ाने पर काम चल रहा है
3. बहुउपयोगिता (Multiplatform Compatibility)
यह मिसाइल सुखोई-30MKI, तेजस, मिराज-2000 जैसे विमानों से भी लॉन्च की जा सकती है। इसके अलावा, इसे जमीन और समुद्र से भी दागा जा सकता है, जिससे इसकी रणनीतिक उपयोगिता बहुत बढ़ जाती है।
4. उन्नत तकनीक और अधिक घातकता
इसका नया एवियोनिक्स सिस्टम, हल्का वजन और कम रडार सिग्नेचर इसे ज्यादा सटीक और विनाशकारी बनाता है। यह दुश्मन की एडवांस एयर डिफेंस प्रणाली को चकमा देने में पूरी तरह सक्षम है।
इस मिसाइल के निर्माण और उत्पादन की प्रगति
ब्रह्मोस-एनजी का निर्माण उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित ब्रह्मोस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में किया जा रहा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस के विशेषज्ञ इस परियोजना को तेज़ी से आगे बढ़ा रहे हैं। उम्मीद है कि इसका पहला बैच 2026 तक भारतीय सेना को सौंपा जाएगा।
ब्रह्मोस-एनजी का आगमन भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की मारक क्षमता में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इसकी तैनाती न केवल देश की सीमाओं को और अधिक सुरक्षित बनाएगी, बल्कि भारत को एक्सपोर्ट क्षमता के क्षेत्र में भी अग्रणी बना सकती है।
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