तेजस मार्क-2: भारत की नई उड़ान, राफेल से होगी सीधी तुलना

नई दिल्ली। भारत की वायु शक्ति को आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला तेजस मार्क-2 अब सुर्खियों में है। यह अत्याधुनिक स्वदेशी फाइटर जेट न केवल भारत के सैन्य ढांचे को मजबूती देगा, बल्कि विदेशी लड़ाकू विमानों — विशेषकर राफेल — के समकक्ष खड़ा होने की भी क्षमता रखता है। रक्षा विशेषज्ञों की नजर में यह न केवल एक तकनीकी छलांग है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान का भी प्रमुख स्तंभ है।

स्वदेशी शक्ति की नई पहचान

तेजस मार्क-2 पूरी तरह से भारतीय डिजाइन पर आधारित है और इसमें अत्याधुनिक तकनीकों का समावेश किया गया है। इसमें लगा अमेरिकी मूल का GE-F414 इंजन 98 किलो न्यूटन की ताकत पैदा करता है, जिससे यह विमान दुश्मन के इलाके में गहरी घुसपैठ कर सकता है।

इसके साथ ही इसमें लगा स्वदेशी 'उत्तम AESA रडार', उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, और मल्टी-रोल क्षमता इसे राफेल के समकक्ष खड़ा करते हैं। HAL के अनुसार, यह विमान 6.5 टन तक हथियार ढो सकता है, और इसकी अधिकतम टेकऑफ क्षमता 17.5 टन तक जाती है।

भारतीय वायुसेना की रणनीति में बदलाव

भारतीय वायुसेना ने 2035 तक तेजस मार्क-2 की 120 से अधिक यूनिट्स के लिए प्रारंभिक योजना बनाई है। पहले बैच की उड़ान 2026 से शुरू होने की उम्मीद है। इससे न केवल वायुसेना के पुराने मिग-29 और मिराज जैसे विमानों की जगह भरी जाएगी, बल्कि घरेलू रक्षा उद्योग को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “तेजस मार्क-2 हमारे लिए सिर्फ एक फाइटर जेट नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भरता की उड़ान है।”, तेजस मार्क-2 की सफलता भारत के पांचवीं पीढ़ी के फाइटर प्रोजेक्ट AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) के लिए भी मार्ग प्रशस्त करेगी। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो भारत अगले दशक में अपने दम पर संपूर्ण फाइटर जेट श्रृंखला तैयार करने वाला चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा।

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