डॉलर से यूरो तक: ये हैं टॉप 4 करेंसी जो चलाती हैं ग्लोबल मार्केट

न्यूज डेस्क। आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में करेंसी सिर्फ भुगतान का माध्यम नहीं, बल्कि देशों की ताकत, स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव का प्रतीक बन चुकी है। दुनिया में रोज़ाना लाखों करोड़ डॉलर का व्यापार होता है, लेकिन उसमें से सबसे बड़ा हिस्सा महज़ 4 करेंसी में ही होता है। ये मुद्राएं न केवल व्यापारिक सौदों की रीढ़ हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय निवेश, रिज़र्व और वित्तीय स्थिरता का आधार भी।

1. अमेरिकी डॉलर (USD): दुनिया की निर्विवाद करेंसी सुपरपावर

अमेरिकी डॉलर को 'ग्लोबल करेंसी' कहना गलत नहीं होगा। अंतरराष्ट्रीय व्यापार का लगभग 88% हिस्सा किसी न किसी रूप में डॉलर में होता है। विश्व बैंक, IMF, और अधिकांश कच्चे तेल के सौदे भी डॉलर में ही तय होते हैं। दुनिया के ज्यादातर केंद्रीय बैंक भी डॉलर को अपने विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) में सबसे ज़्यादा प्राथमिकता देते हैं।

2. यूरो (EUR): यूरोप की एकता की आर्थिक पहचान

यूरोपियन यूनियन की आधिकारिक मुद्रा यूरो, डॉलर के बाद दूसरी सबसे ज़्यादा कारोबार में इस्तेमाल की जाने वाली मुद्रा है। यूरोप के 20 से अधिक देश इसे अपनाए हुए हैं। व्यापार, पर्यटन और निवेश के लिहाज़ से यूरो का वैश्विक प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। करीब 30% अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में यूरो की हिस्सेदारी होती है।

3. जापानी येन (JPY): एशिया की आर्थिक ताकत का प्रतिनिधि

जापान की मुद्रा येन, एशिया की सबसे शक्तिशाली मुद्राओं में गिनी जाती है। खासतौर पर फॉरेन एक्सचेंज मार्केट और इंटरनेशनल बॉन्ड्स में येन की भूमिका बेहद अहम है। वैश्विक अस्थिरता के समय निवेशक इसे 'सेफ हेवन करेंसी' मानते हैं।

4. ब्रिटिश पाउंड (GBP): इतिहास से लेकर आज तक मजबूत मुद्रा

ब्रिटिश पाउंड, जिसे स्टर्लिंग भी कहा जाता है, दुनिया की सबसे पुरानी प्रचलित करेंसी है। आज भी यह दुनिया की सबसे मूल्यवान मुद्राओं में शामिल है और ग्लोबल फाइनेंशियल ट्रेड में इसकी भूमिका मजबूत बनी हुई है। लंदन एक प्रमुख वित्तीय हब होने के कारण पाउंड की मांग हमेशा बनी रहती है।

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