कड़ी जांच से गुज़रा F4.3
फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस नए वर्जन की परीक्षण प्रक्रिया का अहम चरण पूरा कर लिया गया है। ‘फिटनेस फॉर यूज रिव्यू’ नामक इस अभियान में राफेल F4.3 की कई तरह की युद्ध स्थितियों में जांच की गई — चाहे वो हवा से हवा में हमला हो, जमीन या समुद्र पर। यह पूरा परीक्षण दक्षिण फ्रांस के इस्ट्रेस स्थित डीजीए फ्लाइट टेस्ट सेंटर में किया गया। इसमें हथियारों के एकीकरण, सेंसरों की फ्यूजन क्षमता, सिस्टम की विश्वसनीयता और नेटवर्किंग जैसे पहलुओं का बारीकी से मूल्यांकन किया गया।
AI से लैस होगा नया राफेल
F4.3 वर्जन की सबसे अहम खूबी है इसमें इस्तेमाल की गई AI तकनीक। अब यह जेट अपने लक्ष्यों को खुद पहचानने और प्राथमिकता देने में सक्षम होगा। यह क्षमता युद्ध के मैदान में पायलट के निर्णय लेने की गति और सटीकता को काफी हद तक बेहतर बना देगी। साथ ही, इसमें TALIOS नैसेल, SPECTRA इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, और कॉन्टैक्ट सॉफ्टवेयर रेडियो जैसे एडवांस सिस्टम शामिल होंगे, जो इसे नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर के लिए पूरी तरह तैयार बनाते हैं।
नए हथियार, नई मारक क्षमता
इस संस्करण में MICA NG (नई पीढ़ी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल) को भी जोड़ा गया है। साथ ही राफेल पहले की तरह लंबी दूरी की मेटियोर मिसाइल, SCALP क्रूज़ मिसाइल, ASMP-A परमाणु हथियार, और एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल ले जाने में सक्षम रहेगा। इसका 30 मिमी GIAT तोप और 14 हार्डपॉइंट पर कुल 9.5 टन तक का हथियार लोड इसे बहुआयामी लड़ाकू विमान की श्रेणी में और मजबूत बनाता है।
डिज़ाइन में भी बदलाव
राफेल F4.3 में इस्तेमाल की गई 70% मिश्रित सामग्रियाँ इसे हल्का और स्टेल्थ बनाने में मदद करती हैं, जिससे रडार और इंफ्रारेड डिटेक्शन से बचने की इसकी क्षमता और बेहतर हो जाती है। इसमें लगा थेल्स RBE2-AA AESA रडार और OSF इंफ्रारेड ट्रैकिंग सिस्टम इसे लक्ष्य पर नज़र रखने और सटीक हमले की क्षमता देता है।

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