बिहार में सभी "जमीन मालिकों" के लिए अच्छी खबर

पटना। बिहार सरकार ने भूमि सुधार और राजस्व सेवा वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और जनोन्मुखी बनाने के लिए "राजस्व महाअभियान" की शुरुआत की है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक कवायद नहीं, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करने का एक व्यापक प्रयास है।

अभियान का मूल उद्देश्य हर घर तक राजस्व सेवाओं की सीधी पहुँच स्थापित करना है। इसके तहत प्रत्येक जमीन मालिक को जमाबंदी की प्रति, पंफलेट और आवेदन प्रपत्र घर-घर जाकर वितरित किए जाएंगे। यह पहल ग्रामीण स्तर पर लोगों को उनकी भूमि से जुड़े अधिकारों और दस्तावेजों के प्रति जागरूक करेगी, साथ ही उन्हें सेवाओं का लाभ लेने में सक्षम बनाएगी।

प्रशासनिक तैयारी और सहयोग

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के अनुसार, यह अभियान केवल कागज़ी कार्रवाई नहीं बल्कि एक सहभागी प्रक्रिया है जिसमें प्रशासनिक विभागों के साथ-साथ समाज के वंचित वर्गों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति और जनजाति बहुल टोलों में अलग से अभियान चलाया जाएगा ताकि कोई भी समुदाय सेवाओं से वंचित न रहे।

डिजिटल रिकॉर्ड और शिविरों की भूमिका

हल्का स्तर (ग्राम क्लस्टर) पर दो शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आवेदन लिए जाएंगे और उनके सत्यापन के बाद कम्प्यूटरीकरण किया जाएगा। इससे राजस्व रिकॉर्ड को अद्यतन और डिजिटल बनाना आसान होगा, जो बाद में किसी भी प्रकार की भूमि विवाद या संपत्ति के स्थानांतरण में उपयोगी साबित होगा।

समन्वय और टीम भावना की आवश्यकता

विभाग के सचिव जय सिंह ने टीम भावना को इस अभियान की रीढ़ बताया है। उन्होंने ज़मीनी स्तर की टीमों को तैयार रहने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि गांवों में पूछे जाने वाले सवालों का सही और संतुलित उत्तर दिया जा सके। इसका सीधा लाभ आम नागरिकों को मिलेगा जो अब तक व्यवस्था की जटिलता के कारण सरकारी सेवाओं से दूर थे।

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