क्या यह न्यूक्लियर वॉर की शुरुआत है?
कुछ विश्लेषकों और विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाक्रम न्यूक्लियर युद्ध की आहट हो सकता है। लेकिन सच्चाई यह है कि परमाणु युद्ध की ओर बढ़ना इतना आसान नहीं है। ऐसे निर्णय केवल सैन्य ताकत नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति, रणनीतिक गणनाएं और राजनयिक दबावों से भी प्रभावित होते हैं।
कितनी बड़ी है रूस और अमेरिका की परमाणु ताकत?
दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस और अमेरिका के पास हैं। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (FAS) के अनुसार रूस के पास कुल परमाणु हथियारों की संख्या लगभग 5,977 हैं। हालांकि, इनमें से लगभग 1,500 पुराने, निष्क्रिय या निष्कासन की स्थिति में हैं। जबकि सक्रिय रणनीतिक हथियार लगभग 4,500 के आसपास मौजूद हैं।
वहीं, अमेरिका के पास कुल परमाणु हथियार लगभग 5,044 हैं। इनमें से ज़्यादातर आधुनिक और ऑपरेशनल स्थिति में हैं। दोनों देशों के पास इतनी क्षमता है कि वे पूरी पृथ्वी को कई बार नष्ट कर सकते हैं। इन हथियारों में आईसीबीएम, परमाणु पनडुब्बियां, और हवा से लॉन्च होने वाली परमाणु मिसाइलें शामिल हैं।
क्यों बढ़ रहा है तनाव?
यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिम और रूस के बीच पहले से ही तनाव चरम पर है। अब अगर आर्थिक प्रतिबंधों और सैन्य चेतावनियों के बीच परमाणु ताकत की भी झलक दिखाई देने लगे, तो चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। रूस अमेरिका के किसी भी सैन्य कदम को सीधा हस्तक्षेप मानता है, और जवाबी कार्रवाई की धमकी देता रहा है।

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