क्या है खास Su-57M में?
Su-57M, रूस के मौजूदा Su-57 फाइटर जेट का अपग्रेडेड वर्जन है, जिसे नई तकनीकों और सामरिक क्षमताओं के साथ तैयार किया गया है। इस जेट में निम्नलिखित प्रमुख खूबियां शामिल हैं:
1 .AI-सक्षम नियंत्रण प्रणाली: विमान की नेविगेशन, टारगेटिंग और उड़ान नियंत्रण से जुड़ी प्रमुख जिम्मेदारियाँ AI सिस्टम को सौंप दी गई हैं, जिससे यह जेट आंशिक या पूर्ण रूप से स्वचालित उड़ान भरने में सक्षम है।
2 .एडवांस स्टील्थ आर्किटेक्चर: दुश्मन के रडार से बच निकलने की क्षमता को नई डिजाइन तकनीकों से और मजबूत किया गया है।
3 .AL-51F-1 इंजन: यह नया इंजन न केवल अधिक पावरफुल है बल्कि सुपरक्रूज क्षमता से लैस है, जिससे विमान बिना आफ्टरबर्नर के भी तेज रफ्तार से उड़ सकता है।
4 .लॉन्ग-रेंज रडार: Su-57M को ऐसे रडार सिस्टम से लैस किया गया है, जो लंबी दूरी तक दुश्मन के टारगेट्स को भांप सकता है।
AI के साथ लड़ाकू विमानों का भविष्य
AI के इस्तेमाल से न केवल पायलट पर दबाव कम होगा, बल्कि युद्ध की स्थिति में जटिल निर्णय भी तेजी से लिए जा सकेंगे। रूस का दावा है कि AI सिस्टम स्थितियों के मुताबिक तुरंत निर्णय ले सकता है और दुश्मन की रणनीतियों को रीयल-टाइम में समझकर जवाब देने में सक्षम है।
क्या भारत को होगी दिलचस्पी?
भारत पहले से ही रूस के कई फाइटर जेट्स का इस्तेमाल करता हैं। ऐसे में Su-57M में AI जैसी उन्नत तकनीक की झलक भारत के लिए फिर से इस दिशा में सोचने का आधार बन सकती है। भारत की वायुसेना भविष्य में स्वदेशी और विदेशी विकल्पों के जरिए AI-सक्षम लड़ाकू विमानों को अपने बेड़े में शामिल करने की कोशिश कर सकती है।
तकनीकी प्रतिस्पर्धा की नई दौड़
Su-57M की यह उड़ान केवल एक परीक्षण नहीं, बल्कि रूस और अमेरिका के बीच तकनीकी वर्चस्व की होड़ का संकेत भी है। जहां अमेरिका पहले ही F-35 जैसे जेट्स को NATO देशों के साथ साझा कर रहा है, वहीं रूस अब Su-57M के ज़रिए इस होड़ में नई रफ्तार भरने को तैयार है।
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