क्या है एंटी-सैटेलाइट मिसाइल?
एंटी-सैटेलाइट (ASAT) मिसाइल ऐसी तकनीक है जो अंतरिक्ष में मौजूद दुश्मन के सैटेलाइट को लक्ष्य बनाकर उसे नष्ट कर सकती है। सैटेलाइट आज के युग में निगरानी, संचार, नेविगेशन और सैन्य रणनीति का अभिन्न हिस्सा हैं। ऐसे में अगर किसी देश के सैटेलाइट को निष्क्रिय किया जाए, तो उसकी संचार और रक्षा प्रणाली को गंभीर नुकसान हो सकता है।
मिशन शक्ति: भारत की तकनीकी विजय
27 मार्च 2019 को भारत ने "मिशन शक्ति" के तहत पहली बार ASAT मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इस मिशन में DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) द्वारा विकसित मिसाइल ने पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit) में मौजूद एक लाइव सैटेलाइट को निशाना बनाकर नष्ट किया। यह मिशन केवल चार देश अमेरिका, रूस, चीन और भारत ने किया हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है यह उपलब्धि?
1 .रणनीतिक ताकत: एंटी-सैटेलाइट मिसाइल भारत को एक 'स्पेस पावर' राष्ट्र बनाती है। यह युद्ध की स्थिति में दुश्मन की सैटेलाइट पर नजर रखने और उन्हें निष्क्रिय करने की ताकत देती है।
2 .डिटेरेंस क्षमता: इस तकनीक से भारत की सामरिक प्रतिरोधक क्षमता (deterrence) बढ़ती है। यह संकेत है कि भारत न केवल थल, जल और वायु में, बल्कि अंतरिक्ष में भी अपनी रक्षा कर सकता है।
3 .स्वदेशी तकनीक: मिशन शक्ति पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित था, जो भारत की आत्मनिर्भरता और वैज्ञानिक प्रगति को दर्शाता है।
4 .वैश्विक पहचान: इस मिशन के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक जिम्मेदार स्पेस पावर के रूप में देखा जाने लगा, जिसने अंतरिक्ष के सैन्यीकरण की दिशा में बड़ा कदम बिना किसी आक्रामकता के उठाया।
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