5 साल की बाध्यता खत्म
पहली बार तबादला नीति में 5 साल तक एक ही जिले में रहने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। अब शिक्षक बिना 5 साल पूरे किए भी दूसरे जिले में ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे। इससे पहले शिक्षक को अंतर-जनपदीय ट्रांसफर के लिए कम से कम पांच साल सेवा देनी अनिवार्य होती थी।
ट्रांसफर प्रक्रिया में ये होंगे बदलाव
अंतर-जिला तबादले के लिए अब विशेष रूप से तैयार किए गए एनआईसी पोर्टल के माध्यम से आवेदन किए जाएंगे। जबकि जिले के अंदर तबादलों की जिम्मेदारी जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी के पास रहेगी। इसके साथ ही दूसरे जिले में तबादला पाए शिक्षक को वहां की वरीयता सूची में सबसे नीचे रखा जाएगा। शिक्षक से शपथ पत्र भी लिया जाएगा कि वे इस निर्णय पर कोई आपत्ति नहीं जताएंगे और भविष्य में वरीयता सूची में ऊपर आने की मांग नहीं करेंगे।
गांव से गांव, शहर से शहर होगा तबादला
नई नीति के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र में सेवा दे रहे शिक्षक का तबादला केवल किसी अन्य ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल में होगा। वहीं, शहरी क्षेत्र के शिक्षक केवल शहरी स्कूलों में तबादला पाएंगे। इस प्रक्रिया में छात्र संख्या और शिक्षक अनुपात का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
शिक्षक संख्या के असंतुलन को किया जाएगा दूर
यू-डायस (UDISE+) पोर्टल के आंकड़ों के आधार पर उन स्कूलों की पहचान की जाएगी जहां शिक्षक संख्या अत्यधिक या कम है। तबादला या समायोजन इसी के अनुसार किया जाएगा ताकि प्राथमिक विद्यालयों में 30:1 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 35:1 का छात्र-शिक्षक अनुपात सुनिश्चित किया जा सके।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह नई पहल प्राइमरी स्कूल शिक्षकों के लिए एक बड़ा सुधार और उनकी सेवा के प्रति सम्मान का परिचायक मानी जा रही है। यह नीति शिक्षकों को बेहतर सेवा का अवसर देगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद बढ़ाएगी।
0 comments:
Post a Comment