बर्ड फ्लू की पुष्टि और मौतें
राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NIHSAD), भोपाल में भेजे गए नमूनों की जांच में तीन कौए, विदेशी पक्षी काकाटेल, बाघिन मैलानी, हिमालय गिद्ध और दो तेंदुआ शावक संक्रमित पाए गए। पॉजिटिव रिपोर्ट आने से कुछ घंटे पहले ही काकाटेल की मौत हो गई थी।
चिड़ियाघर के उपनिदेशक ने बताया कि शुक्रवार को दो चरणों में भोपाल से रिपोर्ट प्राप्त हुई। चिड़ियाघर में पिछले डेढ़ माह में पांच वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। 30 मार्च को पीलीभीत से रेस्क्यू कर लाए गए बाघ केसरी की मौत सबसे पहले हुई थी। इसके बाद 5 मई को मादा भेड़िया भैरवी, 7 मई को बाघिन शक्ति और 8 मई को तेंदुआ मोना की मौत हुई। बाघिन शक्ति की मौत की वजह बर्ड फ्लू पाई गई। वहीं कानपुर भेजे गए शेर पटौदी ने भी वहां दम तोड़ दिया।
चिड़ियाघर प्रशासन अलर्ट मोड पर
गोरखपुर चिड़ियाघर के उपनिदेशक एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दो चरणों में शुक्रवार को मिली और तुरंत सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। पूरे परिसर को सैनिटाइज किया जा रहा है और संभावित संपर्क में आए जानवरों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
पोल्ट्री बिक्री में 25% की गिरावट
चिड़ियाघर में मृत कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद स्थानीय पोल्ट्री उद्योग भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मुर्गा-मुर्गियों की बिक्री में पिछले 15 दिनों में लगभग 25% तक की गिरावट दर्ज की गई है। दुकानदारों का कहना है कि ग्राहक बर्ड फ्लू के डर से चिकन और अंडा खरीदने से परहेज कर रहे हैं।
सरकारी कदम और लोगों से की गई अपील
राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से सभी चिड़ियाघरों और पक्षी अभयारण्यों में निगरानी बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही जनता से अपील की गई है कि अफवाहों से बचें, चिकन या पोल्ट्री प्रोडक्ट्स को अच्छी तरह पकाकर ही खाएं, और किसी भी मृत पक्षी की सूचना तुरंत विभाग को दें।
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