2008 में हुई थी भर्तियां, अब तक नहीं बने थे नियम
वर्ष 2008 में पंचायतीराज विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था मजबूत करने के उद्देश्य से करीब 1.08 लाख सफाई कर्मियों की भर्ती चतुर्थ श्रेणी के पदों पर की थी। हालांकि, इन पदों पर नियुक्ति के बाद से अब तक सेवा नियमावली नहीं बनाई गई थी। इस कारण न तो स्थानांतरण की सुविधा उपलब्ध थी और न ही पदोन्नति की कोई व्यवस्था थी। बीते 16 वर्षों में सफाई कर्मियों को एक भी प्रोन्नति नहीं मिल पाई।
सेवा नियमावली से मिलेंगी ये प्रमुख सुविधाएं
1 .पदोन्नति का रास्ता खुलेगा: वरिष्ठता और सेवा रिकॉर्ड के आधार पर कर्मियों को पदोन्नति मिलेगी।
2 .सुनवाई का अधिकार: यदि कोई कर्मचारी अनुशासनहीनता का दोषी पाया जाता है, तो उसे अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर मिलेगा।
3 .स्थानांतरण की सुविधा: अब कर्मचारी जरूरत या पारिवारिक परिस्थितियों के अनुसार एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर करवा सकेंगे।
4 .अवकाश और अनुशासन संबंधी नियम: कर्मचारियों के अवकाश, आचरण और अनुशासन से जुड़े नियम तय होंगे, जिससे मनमानी कार्यवाही की संभावना घटेगी।
कमेटी का गठन, 15 दिन में देगी रिपोर्ट
पंचायतीराज विभाग ने संयुक्त निदेशक (प्रशासन) एसएन सिंह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जो आगामी 15 दिनों में सेवा नियमावली पर अपनी संस्तुति शासन को सौंपेगी। इसके बाद शासन स्तर पर नियमावली को मंजूरी दी जाएगी और संबंधित आदेश जारी होंगे।
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