शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि स्थानांतरण में विसंगति या असंतोष से जुड़ी कोई भी शिकायत शिक्षा निदेशालय या विभाग के मुख्यालय स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी। संबंधित शिक्षक केवल जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष ही अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे, जिसकी समीक्षा जिला स्थापना समिति के माध्यम से की जाएगी।
द्वितीय चरण में मिलेगी दूसरी बार आवेदन की सुविधा
जिन शिक्षकों के पहले चरण के स्थानांतरण आवेदन पर अब तक विचार नहीं हुआ है, उन्हें द्वितीय चरण में मौका दिया जाएगा। इसके लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर एक नई सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जहां शिक्षक चाहें तो अपना पूर्व आवेदन वापस ले सकते हैं या उसे डिलीट कर नया विकल्प भर सकते हैं।
इसके साथ ही, जो शिक्षक अपने पहले दिए गए कारणों को बदलना चाहते हैं, वे भी नया आवेदन दे सकते हैं। द्वितीय चरण में शिक्षकों के नए विकल्पों पर निर्णय जिलों में रिक्तियों की उपलब्धता और छात्र-शिक्षक अनुपात के आधार पर लिया जाएगा।
इन जिलों में प्राथमिकता से होंगे ट्रांसफर
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि राज्य के कुछ जिलों में छात्र-शिक्षक अनुपात औसत से कहीं अधिक है। ऐसे में अगर शिक्षक निम्न जिलों को विकल्प के रूप में चुनते हैं तो उनके आवेदन पर प्राथमिकता के आधार पर विचार किया जाएगा: शिवहर, सीतामढ़ी,कटिहार, खगड़िया, सुपौल, बांका, जमुई, किशनगंज, लखीसराय, भागलपुर, मधुबनी, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, अररिया,
विभाग की ओर से शिक्षकों को सलाह
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से आग्रह किया है कि वे ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपने आवेदन की स्थिति की जांच करें और यदि वे परिवर्तन चाहते हैं तो समय रहते नया विकल्प भरें। द्वितीय चरण में स्थानीय स्तर पर पारदर्शी प्रक्रिया के तहत आवेदनों पर निर्णय लिया जाएगा।
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