कोचिंग संस्थानों पर भी चलेगा डंडा
शिक्षा विभाग ने कोचिंग संस्थानों पर भी सख्त रवैया अपनाया है। डीईओ ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे कोचिंग संस्थानों की पहचान करें, जो स्कूल अवधि के दौरान चलाए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक, कोई भी कोचिंग संस्थान स्कूल के समय में संचालित नहीं होना चाहिए। यदि कोई कोचिंग संस्था स्कूल टाइम में चालू पाई जाती है, तो उसे तुरंत बंद कराया जाएगा।
सरकारी शिक्षकों के लिए भी दिशा-निर्देश
सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को भी इस दिशा में विशेष निर्देश दिए गए हैं। उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि उनके विद्यालय में छात्र नियमित रूप से उपस्थित रहें। इसके लिए स्कूलों में उपस्थिति रजिस्टर की नियमित जांच, अभिभावकों से संवाद और अनुपस्थित छात्रों की निगरानी जैसे उपाय किए जा रहे हैं।
कोचिंग में पढ़ाई, स्कूल में गैरहाजिरी
शिक्षा विभाग की जांच में यह सामने आया है कि बड़ी संख्या में छात्र कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन स्कूल नहीं आ रहे हैं। इससे न केवल विद्यालयों की उपस्थिति दर प्रभावित हो रही है, बल्कि छात्रों की मूल शिक्षा प्रणाली से भी दूरी बन रही है।
नियमानुसार होगी कार्रवाई
डीईओ ने यह भी कहा कि जो कोचिंग संस्थान निर्धारित मानकों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें सील कर दिया जाएगा और उनके संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह कदम शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों में अनुशासन बनाए रखने और सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। विभाग का मानना है कि इससे न केवल छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित होगी, बल्कि स्कूल और कोचिंग के बीच तालमेल भी बेहतर बनेगा।
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