1. अश्वगंधा – मर्दों की शक्ति का प्राचीन रहस्य
अश्वगंधा को आयुर्वेद में 'वीर्यवर्धक' और 'रसायन' की श्रेणी में रखा गया है। यह शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाने में सहायक होता है, जिससे यौन शक्ति, स्टैमिना और मसल्स की ताकत बढ़ती है। साथ ही, यह तनाव और मानसिक थकान को भी दूर करता है।
कैसे लें: रोज़ाना 1 से 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण दूध के साथ लेना लाभकारी होता है।
2. शिलाजीत – ऊर्जा और सहनशक्ति का खजाना
हिमालय की चट्टानों से निकलने वाला शिलाजीत एक प्राकृतिक मिनरल है, जिसे आयुर्वेद में अत्यंत शक्तिशाली माना गया है। इसमें फुलविक एसिड होता है जो शरीर की कोशिकाओं में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है। यह वीर्य की गुणवत्ता को सुधारता है और कमजोरी, थकान व कमजोरी से लड़ने में मदद करता है।
कैसे लें: रोज़ 300-500 मिलीग्राम शुद्ध शिलाजीत दूध या गुनगुने पानी के साथ लेने की सलाह दी जाती है।
3. कौंच बीज – नसों में ताकत और यौन शक्ति का बूस्टर
कौंच बीज (Mucuna Pruriens) पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। यह नपुंसकता, शीघ्रपतन और कमजोरी जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक होता है। इसके सेवन से वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है।
कैसे लें: कौंच बीज चूर्ण को शहद या दूध के साथ रोज़ 3 से 6 ग्राम की मात्रा में लिया जा सकता है।
0 comments:
Post a Comment