यूपी में लाखों संविदाकर्मियों को लेकर बड़ा फैसला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के लाखों संविदा कर्मियों के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गुरुवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में संविदा कर्मियों की वेतन प्रणाली, सामाजिक सुरक्षा और कार्यस्थायित्व को लेकर अहम निर्देश जारी किए गए। इस निर्णय से न केवल इन कर्मचारियों के जीवन में स्थायित्व आएगा, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था में भी पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

मुख्य बिंदु:

1 .उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का गठन: सरकार ने "उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम" के गठन को मंजूरी दी है। यह निगम संविदा कर्मियों के वेतन, ईपीएफ (EPF), ईएसआई (ESI) जैसे लाभों की निगरानी करेगा और उनके श्रम अधिकारों की रक्षा करेगा।

2 .कंपनी एक्ट के तहत गठन: मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि यह निगम कंपनी एक्ट के अंतर्गत गठित किया जाए। इसका संचालन एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स करेगा जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। साथ ही, एक महानिदेशक की भी नियुक्ति की जाएगी।

3 .विकेन्द्रीकृत व्यवस्था का अंत: वर्तमान में संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति विकेन्द्रीकृत प्रणाली के तहत की जाती है जिससे वेतन में कटौती, समय पर भुगतान न होना और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित रहने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। नई प्रणाली इन समस्याओं का समाधान करेगी।

4 .न्यूनतम तीन वर्षों के लिए चयन प्रक्रिया: आउटसोर्स एजेंसियों का चयन अब GeM पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी तरीके से न्यूनतम तीन वर्षों के लिए किया जाएगा। इससे संविदा कर्मियों को बार-बार नौकरी जाने का डर नहीं रहेगा।

5 .वर्तमान कर्मियों की सेवाएं सुरक्षित: मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया है कि इस नई प्रणाली के लागू होने से वर्तमान में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की सेवाओं में कोई बाधा नहीं आएगी। चयन प्रक्रिया में उनके अनुभव को वेटेज के रूप में शामिल किया जाएगा।

6 .मंडल और जिला स्तर पर निगरानी समितियाँ: निगम की कार्यप्रणाली को कारगर बनाने के लिए मंडल और जिला स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा, जो नियुक्ति प्रक्रिया, वेतन भुगतान और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी।

कर्मचारियों को होंगे ये लाभ:

नियमित और समय पर वेतन भुगतान

अनुभव आधारित चयन प्रणाली में प्राथमिकता

कार्यस्थायित्व और उत्पीड़न से मुक्ति

प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही

ईपीएफ और ईएसआई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ

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