मंगल दोष क्या है?
मंगल दोष तब बनता है जब कुंडली में मंगल ग्रह किसी विशेष स्थान पर होता है, खासकर यदि यह दूसरे, सातवें या आठवें भाव में हो। इस दोष के कारण व्यक्ति के स्वभाव में क्रोध, अधीरता और तनाव की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। इससे रिश्तों में दूरी, व्यवसाय में बाधाएं और मानसिक अस्थिरता का सामना करना पड़ता है।
मंगल दोष दूर करने के लिए 4 शक्तिशाली मंत्र
ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, मंगल दोष को दूर करने के लिए नियमित रूप से निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है। ये मंत्र मंगल ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करते हैं और सकारात्मक प्रभाव लाते हैं। इससे मंगल दोष दूर होता हैं।
1 .ॐ अं अंगारकाय नमः
यह मंत्र मंगल ग्रह की ऊर्जा को संतुलित करता है और आंतरिक शक्ति बढ़ाता है।
2 .ॐ भौमाय नमः
इस मंत्र का जाप करने से क्रोध और तनाव में कमी आती है।
3 .ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
यह मंत्र विशेष रूप से मंगल दोष के प्रभाव को कम करता है और जीवन में स्थिरता लाता है।
4 .ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभं कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम्
यह एक विशेष स्तोत्र है जो मंगल ग्रह के प्रबल प्रभाव को नियंत्रित करता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।
मंत्र जाप का सही तरीका
मंत्रों का जाप शांत और साफ स्थान पर करें। सुबह या शाम के समय 108 बार या कम से कम 21 बार जाप करें। ध्यान रखें कि जाप के दौरान मन एकाग्र और शुद्ध हो। इस मंत्र जाप के साथ नियमित रूप से हनुमान जी की पूजा करने से भी लाभ होता है।
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