फिटमेंट फैक्टर: सैलरी बढ़ोतरी का असली पैमाना
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे सैलरी में जबरदस्त उछाल आया था। हालांकि, 8वें वेतन आयोग में विशेषज्ञों की मानें तो फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.92 हो सकता है। इसका मतलब यह है कि बेसिक पे की गणना अब 7वें वेतन आयोग के मुकाबले करीब 92% तक बढ़ेगी, जो कि एक संतुलित बढ़ोतरी मानी जा रही है।
लेवल-4 और लेवल-5 की नई बेसिक सैलरी?
7वें वेतन आयोग के अनुसार, लेवल-4 का बेसिक पे ₹25,500 था। फिटमेंट फैक्टर 1.92 के आधार पर नई बेसिक सैलरी लगभग ₹48,960 तक पहुंच सकती है। इसी तरह, लेवल-5 का बेसिक पे ₹29,200 था, जो 8वें वेतन आयोग के अनुसार ₹56,064 हो जाएगा।
HRA और TA के साथ कुल सैलरी का अनुमान
सिर्फ बेसिक पे ही नहीं, बल्कि HRA (मकान किराया भत्ता) और TA (यात्रा भत्ता) में भी सुधार की उम्मीद है। आमतौर पर HRA वेतन का एक निश्चित प्रतिशत होता है, जो शहर के आधार पर 24% से 30% तक हो सकता है। TA में भी बढ़ोतरी से कर्मचारियों की कुल नेट सैलरी में इजाफा होगा। उदाहरण के लिए, अगर लेवल-4 कर्मचारी को 30% HRA और ₹3,600 TA मिलता है, तो उसकी कुल मासिक सैलरी लगभग ₹65,000 के करीब हो सकती है।
कर्मचारियों की उम्मीदें और सरकार की भूमिका
सरकारी कर्मचारियों का मानना है कि वेतन आयोग की सिफारिशें न केवल महंगाई को ध्यान में रखें, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार लाएं। पिछले आयोगों की तुलना में इस बार फिटमेंट फैक्टर कम होने से कुछ कर्मचारियों को आशंका है कि बढ़ोतरी पर्याप्त नहीं होगी। हालांकि, सरकार की तरफ से यह भी संकेत मिले हैं कि वेतन वृद्धि के साथ-साथ अन्य भत्तों और सुविधाओं में भी सुधार पर ध्यान दिया जाएगा।
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