यूपी परिवहन विभाग के सिपाही बन सकेंगे दारोगा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाहियों को अब बेहतर करियर ग्रोथ और सम्मानजनक पदोन्नति का अवसर मिलने वाला है। वर्षों तक सेवा करने के बावजूद सीमित पदोन्नति के विकल्प से जूझ रहे सिपाहियों के लिए यह खबर किसी सौगात से कम नहीं है। विभाग अब एक ऐसी नीति लागू करने की तैयारी में है, जिससे सिपाही स्तर के कर्मचारी परिवहन उपनिरीक्षक यानी 'दारोगा' बन सकेंगे।

वर्तमान स्थिति और समस्याएँ

अभी तक परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाहियों को केवल एक ही पदोन्नति विकल्प – प्रवर्तन पर्यवेक्षक – के रूप में उपलब्ध है। यह प्रणाली अन्य विभागों की तुलना में काफी सीमित है, जहाँ आमतौर पर एक पद के लिए तीन तक पदोन्नति विकल्प होते हैं। परिणामस्वरूप, अनेक कर्मचारी बिना पर्याप्त प्रोन्नति के ही सेवा निवृत्त हो जाते हैं, जिससे मनोबल पर भी असर पड़ता है।

नई नीति की रुपरेखा

नए प्रस्ताव के अनुसार, उत्तराखंड में पहले से लागू मॉडल को आधार बनाकर यूपी में भी एक बहुपद स्तरीय प्रोन्नति ढांचा तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत प्रवर्तन सिपाही को पहले 'परिवहन सहायक निरीक्षक' और फिर 'परिवहन उपनिरीक्षक' जैसे पदों पर पदोन्नत किया जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने प्रमुख सचिव को प्रस्ताव भेज दिया है, जिसकी मंजूरी के बाद पदों के पुनर्गठन और सृजन की प्रक्रिया शुरू होगी।

पदोन्नति के लिए प्रमुख शर्तें

प्रवर्तन पर्यवेक्षक के पद पर कम से कम दो वर्ष की सेवा या सिपाही और पर्यवेक्षक दोनों पदों पर मिलाकर कम से कम 16 वर्ष की सेवा होनी चाहिए।

समिति और उनकी भूमिका

इस बदलाव को अमली जामा पहनाने के लिए एक सात सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) कर रहे हैं। समिति में विभिन्न क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल किया गया है।

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