ब्राह्मोस vs चीन-पाक एयर डिफेंस: कौन जीतेगा?

नई दिल्ली। भारत की ब्राह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में अपनी ताकत साबित की है। इस हमले ने न केवल पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि उसके चीनी-निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम की कमजोरियों को भी उजागर किया। अब सवाल उठता है: क्या ब्राह्मोस चीन और पाकिस्तान के एयर डिफेंस को मात दे सकता है?

ब्राह्मोस की ताकत

ब्राह्मोस मिसाइल की गति Mach 2.8 से Mach 3.5 तक है, जो इसे दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल बनाती है। यह कम ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है, जिससे रडार से बचना आसान होता है। भारतीय वायुसेना के Su-30MKI विमान में ब्राह्मोस-A संस्करण की रेंज 500 किमी तक है, जिससे पाकिस्तान के भीतर गहरे लक्ष्यों को भी निशाना बनाया जा सकता है।

पाकिस्तान का एयर डिफेंस: एक कमजोर कड़ी

पाकिस्तान का एयर डिफेंस मुख्य रूप से चीनी निर्मित HQ-9 और HQ-16 सिस्टम पर आधारित है। ये सिस्टम ब्राह्मोस जैसी तेज और कम ऊंचाई पर उड़ने वाली मिसाइलों का मुकाबला करने में सक्षम नहीं हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, पाकिस्तान के इन सिस्टमों ने ब्राह्मोस को रोकने में नाकाम रहे ।

चीन की भूमिका और प्रतिक्रिया

चीन ने पाकिस्तान को HQ-9 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम प्रदान किए हैं, लेकिन ब्राह्मोस के सामने इनकी प्रभावशीलता संदिग्ध है। पाकिस्तान अब जर्मनी के IRIS-T SLM जैसे उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम की ओर रुख कर रहा है, जो यूक्रेन में अपनी प्रभावशीलता साबित कर चुका है ।

विशेषज्ञों की राय

अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर के अनुसार, ब्राह्मोस की क्षमताएं चीन के एयर डिफेंस सिस्टम्स से कहीं अधिक हैं। उन्होंने इसे भारत की सैन्य श्रेष्ठता का प्रतीक बताया है।

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