प्रदेश में कुल 238.22 लाख किसान हैं, जिनमें लगभग 93 फीसदी लघु एवं सीमांत श्रेणी के हैं। बिजली और डीजल की कृषि क्षेत्र में बढ़ती खपत, पर्यावरण प्रदूषण, और किसानों की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह योजना तैयार की है। इस योजना के तहत दो हार्सपावर से लेकर दस हार्सपावर तक के सोलर पंप लगवाने की सुविधा मिलेगी, जिससे सिंचाई व्यवस्था को बेहतर और आर्थिक रूप से सस्ती बनाया जाएगा।
कृषि विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसमें कहा गया है कि सोलर पंप के लिए किसानों को बोरिंग खुद करानी होगी, जबकि मोटर, सोलर पैनल और अन्य उपकरण सरकार द्वारा अधिकृत वेंडर कंपनी से उपलब्ध कराए जाएंगे। 2 HP सोलर पंप की कुल लागत लगभग 1.80 लाख रुपये होती है, जबकि 5 HP पंप की लागत करीब 4.80 लाख रुपये तक पहुंचती है। योजना के तहत ये खर्च किसानों और सरकार के बीच निर्धारित अनुपात में बांटा जाएगा।
सरकार का लक्ष्य है कि सोलर पंपों के माध्यम से किसानों को बिजली और डीजल पर निर्भरता से मुक्ति दिलाई जाए, जिससे न केवल खेती की लागत घटेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। साथ ही, इससे किसानों की आय बढ़ाने और प्रदेश में हरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा। प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद योजना को लागू कर किसानों को इसका लाभ दिया जाएगा।
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