दूसरी ओर, पोस्टपेड मीटर वाले ग्राहकों को भी अगले महीने के बिल में सवा सौ यूनिट तक की खपत को घटाकर बिजली बिल दिया जाएगा, जिससे उनकी बिजली की भुगतान राशि कम होगी। इस पहल का उद्देश्य बिजली के बिल में उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले आर्थिक दबाव को कम करना है और उन्हें बिना बाधा के बिजली सुविधा उपलब्ध कराना है।
बिहार सरकार ने हाल ही में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 125 यूनिट तक की बिजली खपत पर 100% अनुदान (मुफ्त बिजली) देने की घोषणा की है। इस योजना से राज्य के करीब 1.86 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा, जिनमें से लगभग 1.68 करोड़ ऐसे उपभोक्ता हैं जो मासिक 125 यूनिट या उससे कम बिजली उपयोग करते हैं। इन उपभोक्ताओं को बिजली का कोई भी फिक्सड चार्ज नहीं देना होगा और उनकी बिजली बिल पूरी तरह से शून्य होगी।
इस योजना से ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों के उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। ग्रामीण इलाकों में बिजली की दर 7.42 रुपए प्रति यूनिट निर्धारित की गई है, जिसमें सरकार 4.97 रुपए प्रति यूनिट का अनुदान देती है, जिससे उपभोक्ताओं को केवल 2.15 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बिल देना होता है।
वहीं, शहरी क्षेत्र में एक से सौ यूनिट तक की खपत के लिए बिजली की दर भी 7.42 रुपए प्रति यूनिट तय की गई है, जिसमें सरकार 3.30 रुपए प्रति यूनिट अनुदान देती है। लेकिन अब चूंकि सवा सौ यूनिट तक बिजली पर 100% अनुदान दिया जा रहा है, इसलिए उपभोक्ताओं को 100 यूनिट से अधिक खपत के लिए दूसरे स्लैब की दर (8.95 रुपए प्रति यूनिट) के अनुसार बिल देना होगा। इस स्लैब में सरकार 3.43 रुपए प्रति यूनिट अनुदान देती है और उपभोक्ताओं को 5.52 रुपए प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा।
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