क्या वाकई शून्य हो जाएगा DA?
जी हां। यह पूरी तरह से संभव है कि जब 8वां वेतन आयोग लागू किया जाएगा, तब कर्मचारियों का वर्तमान में मिल रहा महंगाई भत्ता समाप्त कर दिया जाएगा और उसे मूल वेतन (basic pay) में जोड़ दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को ही “DA का बेसिक में मर्ज करना” कहा जाता है। इसके बाद, नया DA 0% से शुरू होकर हर छह महीने में पुनः गणना के आधार पर बढ़ेगा।
महंगाई भत्ता आखिर मर्ज क्यों किया जाता है?
जब DA 50% या उससे अधिक हो जाता है, तो उसे मूल वेतन में शामिल करना एक परंपरागत प्रक्रिया रही है। इसका उद्देश्य है कि कर्मचारियों की तनख्वाह में स्थायी वृद्धि हो और बढ़ती महंगाई का प्रभाव सीधे वेतन में दिखे। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है और DA 50% है, तो उसे ₹9,000 DA के रूप में मिल रहा है। अब यदि यह DA नए वेतन आयोग के तहत मूल वेतन में मर्ज कर दिया जाता है, तो उसकी नई बेसिक सैलरी ₹27,000 हो जाएगी। लेकिन इसके साथ ही, DA दोबारा ‘0’ से शुरू होगा।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: पहले भी हुआ है ऐसा
2006 (6th Pay Commission): उस समय 5वें वेतन आयोग में DA 187% तक पहुंच गया था। उसे पूरी तरह मर्ज कर दिया गया और वेतन गुणांक 1.87 तय किया गया।
2016 (7th Pay Commission): DA 125% पर था, लेकिन पूरा नहीं बल्कि आंशिक DA ही बेसिक में जोड़ा गया। नया पे मैट्रिक्स तैयार किया गया लेकिन पूरी राशि मर्ज नहीं की गई।
इस बार चर्चा है कि DA 63% तक पहुंच सकता है (जनवरी 2026 तक), और सरकार 50% तक के हिस्से को बेसिक में मर्ज कर सकती है। बाकी 13% का क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, DA के मर्ज होने से बेसिक सैलरी बढ़ेगी। इसका असर अन्य भत्तों पर भी पड़ेगा जो बेसिक सैलरी पर आधारित होते हैं (जैसे HRA, TA आदि)। जनवरी 2026 से DA 0% होगा और पहली वृद्धि जुलाई 2026 में की जाएगी, जो CPI (Consumer Price Index) के अनुसार होगी।
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