ऐसे में मंगलवार के दिन कुछ विशेष 'मंगल मंत्रों' का जाप करने से इन दोषों का शमन होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यहां हम आपको ऐसे 3 सिद्ध मंत्र बता रहे हैं, जिनका नियमित रूप से मंगलवार को जाप करने से राहु-केतु दोष और शनि की बाधाएं दूर होती हैं।
1. ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
यह मंत्र मंगल ग्रह का बीज मंत्र है, जो नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को संतुलित करता है। राहु और केतु से उत्पन्न भ्रम, मानसिक बेचैनी और निर्णय क्षमता में कमी की स्थिति में यह मंत्र विशेष रूप से लाभकारी है। मंगलवार को प्रातः लाल वस्त्र धारण कर दक्षिणमुखी होकर बैठें और लाल चंदन की माला से इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
2. ॐ शं शनैश्चराय नमः
शनि की साढ़ेसाती, ढैया या अशुभ दृष्टि से परेशान व्यक्तियों को यह मंत्र विशेष रूप से करना चाहिए। यह मंत्र शनि की शांति करता है और कर्म के अनुसार मिलने वाले दंड में शमन लाता है। मंगलवार या शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
3. ॐ रामदूताय हनुमते नमः
यह मंत्र भगवान हनुमान का है, जो राहु, केतु और शनि — तीनों की बाधाओं को दूर करने वाला माना गया है। हनुमान जी को शनि देव का शांतिदाता भी कहा गया है। मंगलवार की सुबह स्नान करके हनुमान जी के समक्ष दीप जलाएं और 108 बार इस मंत्र का जाप करें।
क्यों प्रभावी हैं ये मंत्र?
मंगल ग्रह की उग्र ऊर्जा राहु, केतु और शनि जैसे तमोगुणी ग्रहों की नकारात्मकता को काटने की सामर्थ्य रखती है। मंगलवार को किया गया मंत्र जाप विशेष रूप से शक्तिशाली होता है क्योंकि इस दिन मंगल और हनुमान जी का विशेष प्रभाव रहता है। यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक इन मंत्रों का जाप किया जाए, तो न केवल ग्रहों की बाधाएं शांत होती हैं, बल्कि जीवन में स्थिरता, आत्मबल और सफलता की प्राप्ति भी होती है।
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