यूपी में संविदा और नियमित कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग अब सुस्ती और लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा। राज्य विद्युत वितरण प्रणाली को सुचारु और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से यूपी पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने सोमवार को शक्ति भवन में समीक्षा बैठक कर कड़े निर्देश दिए। इस बैठक में संविदा कर्मियों को समय पर वेतन, बिजली चोरी की रोकथाम, राजस्व वसूली की स्थिति और उपभोक्ता सेवाओं को लेकर विशेष जोर दिया गया।

संविदा कर्मियों को पहले वेतन, फिर नियमित कर्मचारियों को

बैठक की सबसे अहम घोषणा यह रही कि अब जुलाई महीने से नियमित कर्मियों का वेतन तभी जारी होगा जब संविदा कर्मियों को उनका वेतन मिल चुका होगा। चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि लाइनमैन, मीटर रीडर और अन्य संविदा कर्मचारी अल्पवेतन भोगी हैं और वे दिन-रात मेहनत करते हैं, ऐसे में उनके वेतन में देरी न हो। बिलिंग एजेंसियों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे समय से भुगतान सुनिश्चित करें और इसकी निगरानी डिस्कॉम स्तर पर नियमित रूप से की जाए।

उपभोक्ता सेवाओं में लापरवाही पर फटकार

बैठक में कई मुख्य अभियंताओं और अधीनस्थ अधिकारियों को उपभोक्ता सेवाओं में लापरवाही के लिए फटकार लगाई गई। बरेली और रायबरेली के मुख्य अभियंताओं को विशेष रूप से आड़े हाथों लिया गया। सहारनपुर, कानपुर और अन्य जिलों के अधिकारियों को भी उपभोक्ताओं की शिकायतों और राजस्व वसूली में लापरवाही के लिए तलब किया गया।

लाइन लॉस और बिजली चोरी पर कड़ी कार्रवाई

डॉ. गोयल ने कहा कि जिन फीडरों पर लाइन लॉस अधिक है और राजस्व की वसूली नहीं हो रही, वहां तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। विशेष रूप से कृषि और ग्रामीण फीडरों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े उपभोक्ता और बिल्डर्स, जो सब-स्टेशन निर्माण के अपने दायित्व पूरे नहीं कर रहे हैं, उन पर सख्ती बरती जाए।

बायोमीट्रिक उपस्थिति और मीटरिंग पर सख्ती

जुलाई से सभी कर्मियों की सौ प्रतिशत बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। एलएमवी-10 के अंतर्गत आने वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर लगाने का निर्देश भी दिया गया है ताकि एनर्जी एकाउंटिंग को पारदर्शी बनाया जा सके।

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