भारत के ये 4 गुप्त हथियार, जानकार चौंक जाएंगे

नई दिल्ली – अब जंग केवल गोलियों और मिसाइलों से नहीं लड़ी जाएगी। भारत रक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति की ओर बढ़ चुका है, जिसका नाम है – डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स यानी DEW. ये ऐसे हथियार हैं जो दुश्मन को बिना आवाज़, बिना विस्फोट के पलभर में समाप्त कर सकते हैं।

वर्ष 2025 तक भारत चार प्रमुख हाई-टेक लेज़र हथियार प्रणालियों पर तेज़ी से काम कर रहा है, जो न केवल ड्रोन और मिसाइल को हवा में मार गिराने की क्षमता रखते हैं, बल्कि अंतरिक्ष में दुश्मन के उपग्रहों को भी निष्क्रिय कर सकते हैं।

1. DURGA-II – नाम में ही शक्ति

DRDO द्वारा विकसित “Directionally Unrestricted Ray-Gun Array” या DURGA-II, भारत का सबसे उन्नत लेज़र हथियार प्रोजेक्ट है। इसकी 100 किलोवॉट की ऊर्जा बीम 7 किलोमीटर तक की दूरी से दुश्मन के ड्रोन, मिसाइल या विमान को नष्ट कर सकती है। 2022 में पहला सफल ट्रायल किया गया, जिसमें 2.5 किमी दूर टारगेट लॉक किया गया। 2025 तक 20 यूनिट्स की तैनाती की योजना हैं।

2. ADITYA – सीमाओं पर उगता नया सूरज

“Aditya” एक ट्रक माउंटेड 20 किलोवॉट का DEW सिस्टम है, जिसे विशेष रूप से भारत-चीन सीमा (LAC) जैसे कठिन इलाकों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका प्रयोग छोटे ड्रोन, निगरानी उपकरणों और भीड़ नियंत्रण अभियानों में किया जा सकता है।

3. KALI – अदृश्य शक्ति, अजेय प्रभाव

“Kilo Ampere Linear Injector” या KALI, BARC और DRDO का संयुक्त प्रोजेक्ट है। कई रिपोर्ट में इसे गुप्त प्रोजेक्ट कहा जाता हैं। यह पारंपरिक लेज़र के बजाय हाई-फ्रीक्वेंसी माइक्रोवेव का प्रयोग करता है, जिससे दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम ‘ब्लैकआउट’ हो जाते हैं। KALI-5000 के नए संस्करण तैयार किए गए हैं, जो बिना विस्फोट, ‘इलेक्ट्रॉनिक किल’ करने की क्षमता रखते हैं। यह हथियार आधुनिक ‘साइलेंट वॉरफेयर’ की दिशा में भारत का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है।

4. सहस्त्र शक्ति और सूर्य – ऊर्जा का अगला चरण

30 किलोवॉट क्षमता वाला Sahastra Shakti और उसका उन्नत संस्करण Surya System (300 किलोवॉट) भारत की भविष्य की मिसाइल और हाइपरसोनिक डिफेंस का आधार बनने जा रहे हैं। 2027 तक फुल स्केल टेस्टिंग का लक्ष्य हैं। नौसेना और वायुसेना के लिए विशेष डिज़ाइन किया गया हैं। इनकी मदद से भारत अंतरिक्ष से आने वाले खतरों तक का मुकाबला करने में सक्षम होगा।

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