यूपी में भारी बारिश का कहर: 56 जिलों में अलर्ट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून इस बार पूरी ताक़त के साथ दस्तक दे चुका है। जुलाई के पहले पंद्रह दिनों में अच्छी बारिश दर्ज की गई, जिससे खेतों को राहत मिली, लेकिन अब यह बारिश कई जिलों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। विशेषकर तराई और दक्षिणी उत्तर प्रदेश के इलाके बाढ़ जैसी स्थितियों से जूझ रहे हैं। जलभराव, नदी-नालों के उफान पर आने और बिजली गिरने की घटनाएं चिंता का कारण बन गई हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फिर सक्रिय हुआ मानसून

पिछले कुछ दिनों से मानसून की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी थी, लेकिन अब एक बार फिर पश्चिमी यूपी के तराई क्षेत्रों में मानसून की सक्रियता बढ़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और मुरादाबाद जिलों में सोमवार को भारी बारिश की संभावना है। इन इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है।

पूर्वी यूपी में भी बारिश के संकेत

रविवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों—जैसे गोरखपुर, महराजगंज और कुशीनगर—में हल्की बूंदाबांदी हुई। लेकिन आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में भी मौसम करवट ले सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, गरज-चमक के साथ बारिश और वज्रपात की आशंका बनी हुई है।

56 जिलों में अलर्ट, बिजली गिरने की चेतावनी

प्रदेश के कुल 56 जिलों में मौसम विभाग ने गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना जताई है। इन जिलों में चित्रकूट, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, देवरिया, बस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, कानपुर देहात, गाजियाबाद, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, झांसी, ललितपुर और अन्य कई इलाके शामिल हैं। लोगों को सलाह दी गई है कि वे खराब मौसम के दौरान घरों के भीतर ही रहें और खुले में मोबाइल फोन या धातु की वस्तुएं न रखें।

प्रशासन सतर्क, राहत कार्यों के लिए टीमें तैयार

राज्य सरकार और जिला प्रशासन अलर्ट पर हैं। बाढ़ की आशंका वाले इलाकों में राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैयार रखी गई हैं। नदी किनारे बसे गांवों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं, और आवश्यकतानुसार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है।

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