चीनी — शुद्ध कैलोरी का स्रोत
चीनी, जिसे सफेद चीनी भी कहा जाता है, मुख्य रूप से शुगर के रिफाइंड रूप में आती है। इसमें केवल खाली कैलोरी होती हैं, यानी इसमें विटामिन, मिनरल या फाइबर नहीं होता। ज्यादा चीनी का सेवन मोटापा, डायबिटीज़ और दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि चीनी का सेवन नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए।
गुड़ — प्राकृतिक मिठास
गुड़ चीनी की तुलना में कम रिफाइंड होता है और इसमें कुछ प्राकृतिक विटामिन्स और मिनरल्स (जैसे आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम) पाए जाते हैं। इसलिए गुड़ को थोड़ा बेहतर विकल्प माना जाता है। गुड़ में एंटीऑक्सिडेंट्स भी होते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करते हैं।
गुड़ के भी हैं सीमित फायदे
हालांकि गुड़ में पोषक तत्व होते हैं, लेकिन इसकी मिठास भी शुगर की तरह होती है। इसका मतलब यह है कि गुड़ का ज्यादा सेवन भी वजन बढ़ाने, ब्लड शुगर बढ़ाने और दांतों को नुकसान पहुंचाने का कारण बन सकता है। इसलिए गुड़ को भी संयम में ही इस्तेमाल करना चाहिए।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
डायटिशियंस का मानना है कि चाहे चीनी हो या गुड़, दोनों का सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए। बेहतर है कि मीठे की मात्रा को नियंत्रित कर प्राकृतिक और कम प्रोसेस्ड विकल्पों की तरफ बढ़ा जाए, जैसे कि फल या शहद (मगर शहद भी सीमित मात्रा में) आदि। अगर चीनी और गुड़ में चुनना हो तो गुड़ का सेवन फायदेमंद होता हैं।
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