माइग्रेन का दर्द? ये 4 घरेलू उपाय देंगे तुरंत लाभ

हेल्थ डेस्क। माइग्रेन कोई साधारण सिरदर्द नहीं है। यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जिसमें व्यक्ति को सिर के एक या दोनों ओर तेज़ धड़कता हुआ दर्द होता है, जो घंटों या कई बार तो दिनों तक बना रह सकता है। इसके साथ मितली, उल्टी, रोशनी और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याएं भी जुड़ी होती हैं।

वर्तमान जीवनशैली – जैसे तनाव, नींद की कमी, अनियमित खानपान, हार्मोनल असंतुलन, और स्क्रीन टाइम की अधिकता – माइग्रेन की संभावना को बढ़ा देते हैं। दवाइयों के साथ-साथ कुछ घरेलू उपचार भी दर्द से राहत देने में बेहद कारगर हो सकते हैं।

1. अदरक – प्राकृतिक दर्द निवारक और मितली से राहत का उपाय

अदरक एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले) और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। रिसर्च से पता चला है कि अदरक माइग्रेन के दौरान होने वाली मितली और उल्टी में बहुत राहत देता है। एक चम्मच अदरक का रस निकालें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें।

2. पुदीना तेल – ठंडक और ताजगी का अहसास

पुदीना का तेल माइग्रेन के लिए एक लोकप्रिय घरेलू उपचार है। इसमें मौजूद मेंथॉल दिमाग की नसों को शांत करता है और सिर को ठंडक देता है, जिससे दर्द कम महसूस होता है। पुदीना तेल की कुछ बूंदें लेकर माथे, कनपटी और गर्दन के पिछले हिस्से पर हल्के हाथों से मालिश करें। चाहें तो गर्म पानी में कुछ बूंदें डालकर भाप भी ले सकते हैं।

3. बर्फ की सिकाई – तीव्र दर्द में तुरंत आराम

बर्फ की ठंडक से रक्त वाहिकाएं संकुचित होती हैं और दर्द महसूस होना कम होता है। यह माइग्रेन की तीव्र अवस्था में भी राहत पहुंचा सकता है। बर्फ के टुकड़ों को एक साफ़ कपड़े या तौलिए में लपेटें और सिर के दर्द वाले हिस्से पर 15-20 मिनट के लिए रखें। आवश्यकता अनुसार दिन में 2-3 बार दोहराया जा सकता है।

4. तुलसी की चाय – आयुर्वेदिक समाधान

तुलसी भारतीय घरों में आम पाई जाने वाली औषधीय पौधा है। इसमें प्राकृतिक दर्द निवारक और तनाव को कम करने वाले गुण होते हैं, जो माइग्रेन की तीव्रता को कम करते हैं। 4-5 तुलसी की पत्तियाँ एक कप पानी में उबालें। इसमें शहद मिलाकर पिएं। यह चाय दिन में 1-2 बार पीने से मानसिक शांति मिलती है और दर्द में राहत मिलती है।

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