सरकार ने तोड़ी चुप्पी, अधिसूचना अभी लंबित
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की अधिसूचना फिलहाल लंबित है। इसका मुख्य कारण टर्म ऑफ रिफरेंस (ToR) को अंतिम रूप न दिया जाना है, जो आयोग के कार्यक्षेत्र को परिभाषित करता है। ToR में यह तय होता है कि आयोग किन मुद्दों पर विचार करेगा — जैसे न्यूनतम वेतन, महंगाई भत्ता (DA), पेंशन दरों की समीक्षा और भत्तों में संशोधन।
हितधारकों से मांगे गए सुझाव
सरकार ने स्पष्ट किया कि वेतन आयोग के गठन से पहले सभी प्रमुख हितधारकों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। इनमें रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, राज्यों की सरकारें और कार्मिक विभाग शामिल हैं। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए अपनाई गई है कि आयोग का ढांचा और कार्यक्षेत्र व्यावहारिक और सभी पक्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाए।
कब होंगे अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त?
वित्त मंत्रालय का कहना है कि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति अधिसूचना जारी होने के बाद की जाएगी। यानी पहले आयोग को औपचारिक रूप से अधिसूचित किया जाएगा और फिर उसके नेतृत्व की नियुक्ति होगी। सूत्रों के अनुसार यह प्रक्रिया संभवतः 2025 के अंत तक पूरी की जा सकती है।
अधिसूचना में देरी: कारण क्या हैं?
हालांकि जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं, लेकिन अब तक इसकी अधिसूचना नहीं आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह देरी प्रशासनिक और प्रक्रियागत कारणों से हो रही है। वित्त मंत्रालय समेत विभिन्न विभागों के बीच समन्वय, सुझावों का विश्लेषण और ToR की बारीकियों पर सहमति बनाना एक समय लेने वाली प्रक्रिया है।
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