रेंज में बढ़त किसकी?
अग्नि-5 की मारक क्षमता लगभग 5,000 से 8000 किलोमीटर है, जो भारत को एशिया, यूरोप और अफ्रीका के बड़े हिस्से तक रणनीतिक पहुंच देती है। वहीं, चीन की DF-41 की अनुमानित रेंज 12,000 से 15,000 किलोमीटर तक मानी जाती है, जिससे वह लगभग पूरी दुनिया को अपने निशाने पर ले सकता है। रेंज के मामले में DF-41 स्पष्ट रूप से आगे है।
पेलोड और वारहेड क्षमता
अग्नि-5 MIRV तकनीक से लैस हैं। वहीं, DF-41 में भी MIRV (Multiple Independently targetable Reentry Vehicle) तकनीक है, जो एक ही मिसाइल से कई स्वतंत्र परमाणु वारहेड छोड़े जा सकते हैं। इसका मतलब है कि DF-41 एक साथ 10 तक अलग-अलग लक्ष्यों को भेद सकता है।
प्रसारण गति और लॉन्च प्लेटफॉर्म
अग्नि-5 को मोबाइल लॉन्च प्लेटफॉर्म से दागा जा सकता है, जिससे इसकी तैनाती लचीली होती है। DF-41 भी रोड और रेल मोबाइल लॉन्च सिस्टम से लैस है और इसकी लॉन्च गति कहीं अधिक तेज मानी जाती है। लॉन्च समय में कम अंतर DF-41 को प्रतिक्रिया देने में तेज बनाता है।
टेक्नोलॉजी और विश्वसनीयता
भारत की अग्नि श्रृंखला स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) द्वारा विकसित की गई है। यह मिसाइल 7 से अधिक सफल परीक्षणों के बाद संचालन में लाई गई है। DF-41 चीन की सबसे उन्नत ICBM मानी जाती है, लेकिन उसकी पारदर्शिता पर कई सवाल हैं, क्योंकि चीन अक्सर अपने हथियार परीक्षणों की विस्तृत जानकारी साझा नहीं करता।
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