उदया तिथि को मानते हुए व्रत व पूजन 23 जुलाई को किया जाएगा। देशभर के शिव मंदिरों में इस दिन विशेष आयोजन होंगे, और भक्त रात्रि जागरण कर शिव का रुद्राभिषेक करेंगे। आप इस दिन भगवान भोलेनाथ का आराधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
पूजा विधि: ऐसे करें शिव पूजन
सावन शिवरात्रि पर व्रती सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लेते हैं और दिनभर उपवास रखते हैं। मंदिरों और घरों में भगवान शिव का पंचामृत से रुद्राभिषेक किया जाता है, जिसमें दूध, दही, शहद, घी, और गंगाजल शामिल होता है। इसके बाद बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद पुष्प, फल, धूप, दीप आदि से पूजन होता है। रातभर ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप करने की परंपरा है।
चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व
शिवरात्रि की रात्रि को चार भागों में विभाजित कर चार प्रहरों की पूजा की जाती है। प्रत्येक प्रहर में अलग-अलग सामग्री और मंत्रों से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इन चार प्रहरों की पूजा से साधक को शरीर, मन, आत्मा और ब्रह्म के स्तर पर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है। यह न केवल पापों का क्षय करता है बल्कि मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
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