भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने इन रूटों पर उड़ान संचालन के लिए स्पिरिट एयर एलएलपी को ‘इच्छा पत्र’ सौंपा है। यह एयरलाइन इन हवाई अड्डों को बिहटा एयरपोर्ट (पटना) और वाराणसी से जोड़ने वाले मार्गों पर विमान सेवाएं शुरू करेगी। इससे सीमांचल, मिथिलांचल, तिरहुत और अंग क्षेत्र जैसे पिछड़े माने जाने वाले इलाकों में आवागमन की सुविधा बढ़ेगी, जिससे न केवल स्थानीय लोगों को लाभ होगा, बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी बल मिलेगा।
राज्य के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने इस पहल को “बिहार के लिए गर्व का क्षण” बताया। उनके अनुसार, एक साथ छह हवाई अड्डों को पुनर्जीवित करना बिहार के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे स्थानीय नागरिकों को न केवल किफायती और सुलभ हवाई सेवा मिलेगी, बल्कि राज्य की कनेक्टिविटी भी सुदृढ़ होगी।
हालांकि उड़ानें तब ही शुरू हो सकेंगी जब इन हवाई अड्डों पर आवश्यक ढांचागत सुविधाएं — जैसे एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC), टर्मिनल भवन, और सुरक्षा प्रबंधन — पूरी तरह से तैयार हो जाएंगी। इसके लिए राज्य सरकार केंद्र के साथ मिलकर कार्य कर रही है और हरसंभव सहयोग दे रही है।
यह परियोजना बिहार के उस विकास मॉडल की ओर इशारा करती है, जहां बुनियादी ढांचे के साथ-साथ कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी जा रही है। अब तक हवाई यात्रा सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित थी, लेकिन इस योजना से गांव-कस्बों में रहने वाले लोग भी हवाई यात्रा का सपना देख और पूरा कर सकेंगे।
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