भारत ने बनाया सबसे ऊंचा एयरबेस: चीन की उड़ी नींद!

नई दिल्ली। भारत ने पूर्वी लद्दाख में एक और रणनीतिक उपलब्धि हासिल की है। मुध-न्योमा (Mudh-Nyoma) में लगभग 13,700 फीट की ऊंचाई पर बना देश का सबसे ऊंचा एयरबेस न केवल सैन्य दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह चीन के साथ सीमा पर बदलते संतुलन का स्पष्ट संकेत भी देता है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से बेहद करीब स्थित यह एयरबेस अक्टूबर 2025 तक पूरी तरह चालू होने की संभावना है, और इसके शुरू होते ही भारत की उच्च हिमालयी सीमा पर पकड़ और भी मजबूत हो जाएगी।

क्यों है मुध-न्योमा एयरबेस खास?

न्योमा एयरस्ट्रिप की भौगोलिक स्थिति इसे अत्यंत रणनीतिक बनाती है। एलएसी से बेहद नजदीक स्थित यह एयरबेस अब पक्के तीन किलोमीटर लंबे रनवे से लैस है, जो कठोर मौसम, अत्यधिक ऊंचाई और सैन्य आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया गया है। यहां से भारत की वायुसेना आपातकालीन हालात में तेजी से प्रतिक्रिया दे सकेगी — चाहे वह सैनिकों की तैनाती हो, रसद पहुंचानी हो या विशेष अभियान चलाना हो।

बीआरओ की बड़ी उपलब्धि

सीमा सड़क संगठन (BRO) ने इस परियोजना को केवल एक छोटी सी मिट्टी की पट्टी से विकसित कर इसे पूर्ण एयरबेस का रूप दिया है। 214 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह एयरस्ट्रिप BRO के लिए एक बड़ी इंजीनियरिंग उपलब्धि है। बीआरओ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने बताया कि अक्टूबर तक बाकी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे और अगले पांच वर्षों में सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का और विस्तार किया जाएगा।

रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण

2020 में चीन के साथ गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत ने सीमाई सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना शुरू किया। उसी दिशा में मुध-न्योमा एयरबेस एक निर्णायक कदम है। यह बेस लेह, करगिल और थोईस के बाद लद्दाख का चौथा प्रमुख एयरबेस होगा। थोईस जहां सियाचिन ग्लेशियर तक पहुंच का मुख्य जरिया है, वहीं न्योमा चीन की सीमा के इतने पास स्थित है कि इससे तत्काल कार्रवाई संभव हो सकेगी।

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