8वां वेतन आयोग: सरकार बदल सकती है 10 साल पुराना नियम?

नई दिल्ली। देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों की नज़रें इन दिनों एक बड़े फैसले पर टिकी हैं—आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission)। जहां एक तरफ कर्मचारियों को उम्मीद है कि उनकी सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होगी, वहीं दूसरी तरफ सरकार की योजना इस बार महंगाई भत्ते (DA) की गणना के नियमों में बड़ा बदलाव करने की है। यह बदलाव अगर लागू होता है, तो 10 साल पुराना सिस्टम पूरी तरह बदल सकता है।

क्या है बदलाव की वजह?

सरकार हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू करती है। पिछला यानी सातवां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू हुआ था। उसी समय से DA की गणना का आधार वर्ष (Base Year) भी 2016 कर दिया गया था। लेकिन अब जब आठवां वेतन आयोग 2026 से लागू होने की संभावना है, सरकार बेस ईयर को 2016 से बदलकर 2026 करने की तैयारी में है। इसका मतलब है कि महंगाई भत्ते की गणना नए सिरे से होगी, और डीए तकनीकी रूप से 'शून्य' से शुरू किया जाएगा।

क्या वाकई जीरो हो जाएगा मौजूदा DA?

हां, लेकिन यह कर्मचारियों के नुकसान की नहीं, फायदे की स्थिति होगी। जैसे ही 2026 में नया आयोग लागू होगा, उस समय तक जमा हो चुका डीए आपकी नई बेसिक सैलरी में समायोजित कर दिया जाएगा। यानी आपको एक नई बेसिक सैलरी मिलेगी, जो पहले से कहीं ज्यादा होगी।

फायदा कहां और कैसे?

नई बेसिक सैलरी के बाद, जब भी अगला डीए घोषित होगा—जैसे 2% या 3%—तो उसकी गणना भी उसी बढ़ी हुई बेसिक सैलरी पर होगी। इससे आपके महीने की इनहैंड सैलरी में सीधा असर पड़ेगा और आपकी आय में लगातार इज़ाफा होता रहेगा। इस फॉर्मूले से सरकारी कर्मचारियों के लिए यह बदलाव लाभकारी साबित हो सकता है, खासकर लंबी अवधि में।

बेस ईयर बदलना क्यों जरूरी हो गया है?

वर्तमान समय में महंगाई का स्वरूप 2016 के मुकाबले काफी बदल चुका है। अब लोग खर्च किन चीज़ों पर करते हैं, प्राथमिकताएं क्या हैं, जीवनशैली कैसी है—इन सबमें बड़ा बदलाव आया है। ऐसे में 2016 के इंडेक्स से महंगाई की गणना करना अब व्यावहारिक नहीं रहा। इसलिए सरकार की कोशिश है कि महंगाई के असली असर को मापने के लिए कंज़्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI-IW) का नया बेस तैयार किया जाए।

कब आएगा 8वां वेतन आयोग?

सूत्रों के मुताबिक, सरकार आने वाले महीनों में 8वें वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा कर सकती है। आमतौर पर आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने में 15 से 18 महीने का समय लगता है। भले ही इसकी सिफारिशें किसी भी समय लागू की जाएं, लेकिन संभावना है कि इसे 1 जनवरी 2026 से लागू माना जाएगा। इससे कर्मचारियों को एरियर का लाभ भी मिल सकता है, जो एकमुश्त बड़ी राशि के रूप में सैलरी में जुड़ता है।

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