अमेरिका, रूस और चीन: पारंपरिक महाशक्तियाँ
एक रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका के पास सबसे आधुनिक मिसाइल प्रणाली मौजूद है। इसकी Minuteman III ICBM, Trident II D-5 SLBM, और हाइपरसोनिक अनुसंधान में तेजी इसे दुनिया की सबसे बड़ी मिसाइल शक्ति बनाते हैं।
वहीं, रूस, पारंपरिक मिसाइल बलों के साथ-साथ RS-28 Sarmat जैसी नई पीढ़ी की 'डूम्सडे मिसाइल' का विकास कर चुका है, जिसे नाटो में 'सैटन-II' के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा रूस का Avangard हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल उसे तकनीकी बढ़त देता है। जबकि चीन ने हाल के वर्षों में अपनी मिसाइल क्षमता में बेतहाशा बढ़ोतरी की है। उसका DF-41 ICBM और JL-3 SLBM उसे अमेरिका और रूस के बराबर खड़ा करता है।
भारत: नई मिसाइल महाशक्ति के रूप में उभरता राष्ट्र
भारत की मिसाइल प्रगति पिछले एक दशक में उल्लेखनीय रही है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की अगुवाई में भारत ने मिसाइल क्षेत्र में ऐसे मील के पत्थर पार किए हैं, जो उसे विश्व की शीर्ष चार मिसाइल शक्तियों में ला खड़ा करते हैं।
Agni-V — भारत की सबसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 7000 से 8000 किलोमीटर तक मानी जाती है। मार्च 2024 में इस मिसाइल का MIRV (Multiple Independently targetable Reentry Vehicle) संस्करण सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह तकनीक केवल अमेरिका, रूस, चीन और अब भारत के पास ही है।
वहीं, BrahMos सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल — भारत-रूस की संयुक्त परियोजना, जिसे भूमि, जल और आकाश से दागा जा सकता है। इसकी गति Mach 2.8 है, और अब भारत BrahMos-II नामक हाइपरसोनिक संस्करण (Mach 8, 1500+ किमी) पर काम चल रहा है।
इसके अलावे भारत भारत का हाइपरसोनिक कार्यक्रम भी तेज़ी से विकसित हो रहा है। HSTDV (Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle) का सफल परीक्षण और नई LRAShM (Long-Range Air-Launched Supersonic Missile) प्रणाली की घोषणा भारत को अगली पीढ़ी की मिसाइल तकनीक में अग्रणी बना रही है।
भारत की ताकत: तकनीक और आत्मनिर्भरता का मेल
भारत की मिसाइल ताकत केवल संख्या में नहीं, तकनीकी गुणवत्ता और आत्मनिर्भरता में भी नजर आती है। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत DRDO और HAL जैसी संस्थाएं अब विदेशी तकनीक पर निर्भर नहीं हैं। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, 80% से अधिक मिसाइल सिस्टम अब स्वदेशी रूप से विकसित किए जा रहे हैं।
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