NC-JCM की प्रमुख सिफारिशें:
व्यापक समावेशन:
NC-JCM ने प्रस्ताव रखा है कि आठवें वेतन आयोग में केंद्र सरकार के साथ-साथ ऑल इंडिया सर्विस, रक्षा, अर्धसैनिक बल, ग्रामीण डाक सेवक, संघ राज्य क्षेत्र के कर्मचारी, लेखा परीक्षा विभाग, उच्चतम न्यायालय कर्मचारी, नियामक निकायों के कर्मचारी (आरबीआई को छोड़कर) और स्वायत्त संस्थान के कर्मचारी शामिल हों।
नवीन वेतन संरचना:
आयोग से आग्रह किया गया है कि सभी कवर किए गए कर्मचारियों के लिए एक व्यापक और पारदर्शी वेतन संरचना तैयार की जाए जो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो।
न्यूनतम मजदूरी निर्धारण:
सभ्य और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम मजदूरी तय करने का सुझाव दिया गया है, जिससे सभी कर्मचारी आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें।
सैलरी मैट्रिक्स का पुनर्गठन:
ओवरलैपिंग स्तरों को हटाने के लिए लेवल 1 को 2, 3 को 4 और 5 को 6 के साथ विलय करने की सिफारिश की गई है ताकि वेतन संरचना अधिक समंजसपूर्ण हो।
MACP योजना में सुधार:
मॉडिफाइड अश्योर कैरियर प्रोग्रेस योजना की खामियों को दूर करते हुए स्पष्ट पदोन्नति की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की गई है, जिससे कर्मचारियों को कम से कम तीन प्रमोशन मिल सकें।
अंतरिम राहत:
पेंशनभोगी और कर्मचारी जो वेतन पुनरीक्षण की प्रक्रिया में देरी का सामना कर रहे हैं, उन्हें अंतरिम राहत देने की सलाह दी गई है।
महंगाई भत्ते का विलय:
मूल वेतन, पेंशन के साथ महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) के प्रतिशत को एकीकृत करने की सिफारिश की गई है, ताकि कर्मचारियों को नियमित और समुचित राहत मिल सके।
पेंशन सुधार:
बेहतर पेंशन शर्तें लागू करने, कम्यूटेड पेंशन को पुनः बहाल करने और पूर्व एवं भावी पेंशनभोगियों के बीच समानता स्थापित करने पर जोर दिया गया है। साथ ही, हर पांच वर्ष में पेंशन की समीक्षा की भी मांग की गई है।
चिकित्सा सुविधा सुधार:
CGHS पर संसदीय समिति की सिफारिशों को लागू करने, चिकित्सा भत्ते बढ़ाने और कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के लिए परेशानी मुक्त, नकदी रहित चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
आवश्यकता-आधारित एडवांस:
वेतन आयोग से यह भी अनुरोध किया गया है कि आवश्यकता-आधारित एडवांस शुरू किए जाएं और जो पहले बंद हो चुके हैं उन्हें पुनः बहाल किया जाए।
रक्षा कर्मचारियों के लिए विशेष भत्ते:
विस्फोटकों और खतरनाक रसायनों के साथ काम करने वाले रक्षा प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को जोखिम भत्ता, बीमा कवरेज और उचित मुआवजा प्रदान करने की मांग की गई है।
बाल शिक्षा भत्ता और छात्रावास सब्सिडी विस्तार:
कर्मचारियों के बच्चों के लिए बाल शिक्षा भत्ता और छात्रावास सब्सिडी को पोस्ट ग्रेजुएशन तक बढ़ाने का सुझाव दिया गया है।
भारतीय रेलवे कर्मचारियों के लिए जोखिम भत्ता:
रेलवे के उन कर्मचारियों को जो 24 घंटे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हैं, जोखिम और कठिनाई भत्ते के भुगतान की सिफारिश की गई है।
NPS समाप्ति एवं CCS पेंशन सिस्टम पुनःस्थापना:
कर्मचारी पक्ष ने कॉन्ट्रिब्यूटरी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को समाप्त कर पहले से परिभाषित लाभ पेंशन सिस्टम को पुनः लागू करने की मांग की है।
7वें वेतन आयोग की अनसुलझी समस्याओं का समाधान:
NC-JCM ने आग्रह किया है कि वेतन आयोग 7वें वेतन आयोग में उत्पन्न विसंगतियों और समस्याओं का शीघ्र समाधान करें।
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