8वें वेतन आयोग: सैलरी में बंपर उछाल, प्रमोशन भी फटाफट?

नई दिल्ली। हर 10 साल में एक बार आने वाला वेतन आयोग (Pay Commission) सरकारी कर्मचारियों के लिए उम्मीद की एक नई किरण लेकर आता है। 8वां वेतन आयोग, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, इस बार केवल फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन वृद्धि तक सीमित नहीं रहेगा। इस बार चर्चा में है एक क्रांतिकारी प्रस्ताव – पे-लेवल्स (Pay Levels) का मर्जर, जो न केवल सैलरी में भारी बढ़ोतरी ला सकता है, बल्कि प्रमोशन और करियर ग्रोथ की गति को भी तेज कर सकता है।

क्या है 8वां वेतन आयोग और इसका महत्त्व?

8वें वेतन आयोग का गठन केंद्र सरकार द्वारा 16 जनवरी 2025 को किया गया है। इसका उद्देश्य 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख से अधिक पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन ढांचे में सुधार करना है। इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू की जा सकती हैं। पिछले 7वें वेतन आयोग में 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 किया गया था। इस बार भी चर्चा है कि नया फिटमेंट फैक्टर 1.92 से ज्यादा हो सकता है, जिससे लेवल-1 का वेतन ₹34,560 तक जा सकता है।

लेवल मर्जर का प्रस्ताव क्या है?

अब तक का सबसे बड़ा और चर्चित सुझाव है – Level Merger, यानी पे मैट्रिक्स के निचले 6 स्तरों को घटाकर सिर्फ 3 स्तर में समाहित करना। इस प्रक्रिया को इस तरह से देखा जा रहा है:

नया लेवल A (प्रस्तावित): मौजूदा लेवल-1 और लेवल-2 को मर्ज करके बनाया जाएगा। 

नया लेवल B (प्रस्तावित): मौजूदा लेवल-3 और लेवल-4 को मर्ज करके बनाया जाएगा। 

नया लेवल C (प्रस्तावित): मौजूदा लेवल-5 और लेवल-6 को मर्ज करके बनाया जाएगा।

मर्जर से क्या होंगे फायदे?

1. बेसिक सैलरी में जबरदस्त उछाल: जब दो लेवल मर्ज होंगे, तो नए लेवल की बेसिक सैलरी आमतौर पर ऊपरी लेवल के बराबर या उससे अधिक होगी।

उदाहरण: लेवल-1 (₹18,000) और लेवल-2 (₹19,900) मर्ज कर Level A बनने पर शुरुआत ₹21,700 (या इससे अधिक) हो सकती है। इसी तरह लेवल-3 (₹21,700) + लेवल-4 (₹25,500) = नया लेवल B, जिसकी शुरुआत ₹25,500 या उससे अधिक पर हो सकती है। लेवल-5 (₹29,200) + लेवल-6 (₹35,400) = नया लेवल C, शुरुआत ₹35,400 या अधिक।

2. तेज प्रमोशन और करियर ग्रोथ

कम लेवल्स = कम बाधाएं = जल्दी प्रमोशन। पहले जहां 6 लेवल पार करने पड़ते थे, अब सिर्फ 3। सिंगल प्रमोशन में दो स्तर की ग्रोथ संभव। ज़्यादा जिम्मेदारियां और पदमान में बढ़ोतरी।

3. वेतन विसंगतियों में कमी

पास-पास के पे-लेवल्स में सैलरी डिफरेंस से होने वाली असमानताएं दूर होंगी। कर्मचारियों में संतोष और संतुलन बढ़ेगा।

4. प्रशासनिक सरलता

कम लेवल्स से HR और पेरोल मैनेजमेंट आसान होगा। प्रमोशन, इंक्रीमेंट और ट्रांसफर की प्रक्रिया सुव्यवस्थित होगी।

किसे होगा सबसे ज़्यादा फायदा?

Level-1, Level-3 और Level-5 के कर्मचारियों को त्वरित लाभ मिलेगा, क्योंकि इनका मर्ज ऊपरी वेतन वाले लेवल्स के साथ होगा। Level-2, Level-4 और Level-6 को भी ग्रोथ के अवसर मिलेंगे, लेकिन शुरुआत में लाभ थोड़ा सीमित हो सकता है।

आगे का रास्ता क्या है?

फिलहाल यह एक प्रस्ताव है। 8वें वेतन आयोग इसे स्वीकार करता है या नहीं, यह आयोग की सिफारिशों के बाद ही स्पष्ट होगा। यदि सरकार इसे मंजूरी देती है, तो यह 2026 से लागू हो सकता है और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यह ऐतिहासिक बदलाव साबित हो सकता है।

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