यूपी में पंचायत चुनाव से पहले गांवों को खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच राज्य सरकार ने ग्रामीण विकास को नई गति देने का निर्णय लिया है। सरकार की ओर से यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव से पहले गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। इसके लिए पंचायतों के पास वर्तमान में केंद्रीय व राज्य वित्त आयोगों से कुल 4033.84 करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि उपलब्ध है।

केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग से मिले फंड का विवरण:

वित्तीय वर्ष 2025-26 में 15वें केंद्रीय वित्त आयोग से उत्तर प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं को 3681.39 करोड़ रुपये मिले, जिनमें से अब तक 1214.39 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। अभी 2467 करोड़ रुपये पंचायतों के पास शेष हैं। इसी तरह पंचम राज्य वित्त आयोग से 3879.26 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिनमें से 2312.41 करोड़ रुपये खर्च किए गए और 1566.84 करोड़ रुपये की राशि बची हुई है। इन दोनों आयोगों से प्राप्त कुल 4033.84 करोड़ रुपये अब सीधे ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में लगाए जाएंगे।

किन क्षेत्रों पर खर्च होगी धनराशि?

पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि चुनाव से पूर्व सभी आवश्यक ग्रामीण विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाए। इस निधि का उपयोग निम्नलिखित कार्यों में किया जाएगा:

जलापूर्ति योजनाएं: गांवों में स्वच्छ पेयजल व्यवस्था को मजबूत करने के लिए नई योजनाएं शुरू की जाएंगी और मौजूदा योजनाओं का विस्तार होगा।

स्वच्छता मिशन: स्वच्छ भारत मिशन के तहत सामुदायिक शौचालयों के निर्माण और उनके रखरखाव को प्राथमिकता दी जाएगी।

सड़क व नाली निर्माण: गांवों में सड़कों, खड़ंजों और नालियों का निर्माण तेजी से किया जाएगा ताकि लोगों को बेहतर यातायात और जल निकासी की सुविधा मिल सके।

मनरेगा कार्य: मनरेगा के तहत पंचायत भवनों का निर्माण और अन्य रोजगारपरक कार्यों को तेज किया जाएगा।

सार्वजनिक सेवाएं: शिक्षा, स्वास्थ्य, सामुदायिक भवनों और अन्य आवश्यक सेवाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

सामुदायिक संपत्ति का प्रबंधन: पंचायतों को स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग करने और उनकी देखरेख की जिम्मेदारी दी जाएगी।

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