यूपी में इन कर्मचारियों को दिया जाएगा बढ़ा मानदेय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने समाज के वंचित वर्गों के कल्याण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने घोषणा की है कि प्रदेश के अनुदानित छात्रावासों में कार्यरत कर्मचारियों को अब श्रम दरों के अनुरूप बढ़ा हुआ मानदेय दिया जाएगा। जैसे-जैसे श्रम दर में वृद्धि होगी, वैसे-वैसे इन कर्मचारियों के मानदेय में भी स्वतः वृद्धि होती रहेगी। यह घोषणा बनारस दौरे के दौरान आयोजित एक महत्वपूर्ण समारोह में की गई।

एससी-एसटी स्वाभिमान समारोह में ऐलान

असीम अरुण बनारस के नदेसर स्थित छात्रावास में आयोजित एससी-एसटी स्वाभिमान समारोह में शामिल हुए, जो कि नरेंद्र कुमार शास्त्री की 94वीं जयंती के अवसर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास समिति द्वारा आयोजित किया गया था। इस अवसर पर उन्होंने सरकार द्वारा दलितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी।

19 सूत्री मांगपत्र और सामाजिक मुद्दे

कार्यक्रम में विधायक त्रिभुवन राम ने अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को सरकारी और निजी संस्थानों में कठोरता से लागू करने की मांग उठाई। वहीं समिति द्वारा एक 19 सूत्री मांगपत्र भी मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसमें 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति या जनजाति में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया गया। साथ ही बेरोजगार युवाओं को 10 हजार रुपये प्रतिमाह भत्ता देने की भी मांग की गई।

छात्रावासों के निर्माण हेतु 200 करोड़ का आवंटन

राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार ने छात्रावासों के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है, जिससे समाज के जरूरतमंद छात्रों को बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे केवल सरकारी नौकरी की ओर ही न देखें, बल्कि स्वरोजगार और उद्यमिता की ओर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर युवा व्यापार में भी अपनी पहचान बना सकते हैं।

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