S-500 बनाम अमेरिका का THAAD: कौन है ज़्यादा ताकतवर?

न्यूज डेस्क। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में जब वायु रक्षा प्रणालियाँ देशों की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बन गई हैं, तब रूस का S-500 'प्रोमिथियस' और अमेरिका का THAAD (Terminal High Altitude Area Defense) दुनिया की सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणालियों में गिने जाते हैं। दोनों ही सिस्टम्स का उद्देश्य दुश्मन की मिसाइलों, विमानों और हाइपरसोनिक हथियारों से सुरक्षा प्रदान करना है, लेकिन तकनीकी क्षमताओं, रेंज और बहुपरतीय रक्षा के लिहाज से दोनों के बीच कई अहम अंतर हैं।

S-500 'प्रोमिथियस' — रूस की नई पीढ़ी की रक्षा प्रणाली

S-500 रूस की अत्याधुनिक लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे "नेक्स्ट जनरेशन" मिसाइल डिफेंस कहा जाता है। यह S-400 का उन्नत संस्करण है और इसे खास तौर पर बैलिस्टिक मिसाइलों, स्टेल्थ फाइटर जेट्स, ड्रोन और यहां तक कि लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स को भी मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है।

मुख्य विशेषताएं:

रेंज: 600 किलोमीटर तक

ऊँचाई: 200 किलोमीटर तक की इंटरसेप्शन क्षमता

प्रतिक्रिया समय: 4 सेकंड से भी कम

हाइपरसोनिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम

एक साथ 10 टारगेट को ट्रैक और नष्ट कर सकता है

THAAD — अमेरिका की थर्मिनल डिफेंस ताकत

THAAD प्रणाली को अमेरिका ने खास तौर पर बैलिस्टिक मिसाइल हमलों को टर्मिनल फेज (यानि अंतिम चरण) में नष्ट करने के लिए तैयार किया है। इसका प्रयोग अमेरिका के साथ साथ जापान, दक्षिण कोरिया, इज़राइल और UAE जैसे देशों में पहले से ही हो रहा है।

मुख्य विशेषताएं:

रेंज: लगभग 200 किलोमीटर

ऊँचाई: 150 किलोमीटर तक

सिर्फ बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट

मल्टी-लॉन्च और हाई मोबिलिटी क्षमताएं

रडार सिस्टम: AN/TPY-2 — अत्यंत संवेदनशील

मुख्य तुलना — कौन है ज़्यादा ताकतवर?

S-500 अधिक व्यापक और बहुपरतीय रक्षा प्रदान करता है, जिसमें सैटेलाइट तक को निशाना बनाया जा सकता है। वहीं, THAAD विशुद्ध रूप से बैलिस्टिक मिसाइल सुरक्षा के लिए अत्यधिक परिष्कृत प्रणाली है। हालाँकि, तकनीकी रूप से S-500 अधिक 'वर्सेटाइल' है और भविष्य की हाइपरसोनिक चुनौतियों को देखते हुए अधिक सक्षम प्रतीत होता है। लेकिन THAAD का अमेरिकी नेटवर्क और इसकी वैश्विक तैनाती इसे एक व्यावहारिक और आजमाया हुआ विकल्प बनाती है।

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