1. गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें
गणेश चतुर्थी के दिन घर में गणेश जी की मिट्टी से बनी प्रतिमा लाकर विधिपूर्वक प्रतिष्ठा करें। मूर्ति को उत्तर-पूर्व दिशा में किसी चौकी या लकड़ी की मेज पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। स्थापना से पहले घर और पूजा स्थल की पूरी तरह सफाई कर लें। गणेश जी को लाल पुष्प, दूर्वा, सिंदूर, मोदक और धूप-दीप से पूजा करें।
2. दूर्वा घास और मोदक का भोग लगाएं
गणपति बाप्पा को दूर्वा घास अत्यंत प्रिय है। पूजा में उन्हें 21 दूर्वा के गुच्छे चढ़ाना शुभ माना जाता है। साथ ही, बप्पा को मोदक या बेसन के लड्डू का भोग ज़रूर लगाएं। यह उनका प्रिय प्रसाद है और मान्यता है कि इससे जीवन में मिठास और सफलता आती है।
3. गणेश मंत्रों का जाप करें
गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रों का जाप करें। इससे न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि कार्यों में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं। आप निम्नलिखित मंत्रों का जाप कर सकते हैं: ॐ उमापुत्राय नमः, ॐ सर्वसौख्यप्रदाय नमः, ॐ गं गणपतये नमः (108 बार जाप विशेष फलदायी माना गया है)
4. गणेश चालीसा का पाठ करें
गणेश चालीसा का पाठ गणेश चतुर्थी पर अत्यंत पुण्यदायक होता है। यह पाठ न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि मानसिक बल और आत्मविश्वास भी बढ़ाता है। यदि आप आर्थिक परेशानी या कर्ज से परेशान हैं तो “ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र” का पाठ विशेष रूप से लाभकारी होता है।
5. हाथी को हरा चारा खिलाएं
गणेश जी का वाहन हाथी है और वे स्वयं भी गजराज स्वरूप में पूजित हैं। इस दिन हाथी को हरा चारा या फल खिलाना एक विशेष टोटका माना जाता है, जिससे जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। यदि संभव हो, तो किसी मंदिर या चिड़ियाघर में हाथी को चारा अर्पित करें, नहीं तो प्रतीक रूप में गाय या अन्य जानवर को हरा चारा देना भी शुभ माना जाता है।
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