इन निर्देशों के बाद पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। वर्षों से सक्रिय मरीज माफिया, फर्जी एंबुलेंस नेटवर्क, अवैध मेडिकल स्टोर्स और महंगी दवाएं बेचने वाले गिरोह अब प्रशासन की निगरानी में आ चुके हैं। मुख्यमंत्री का स्पष्ट आदेश है कि इन दलालों और माफियाओं का जड़ से सफाया किया जाए।
मरीजों का शोषण अब नहीं चलेगा
अस्पतालों के अंदर और बाहर सक्रिय दलाल मरीजों और उनके परिजनों को भ्रमित कर निजी अस्पतालों या फर्जी चिकित्सा केंद्रों की ओर मोड़ते हैं, जिससे मरीज का न सिर्फ आर्थिक शोषण होता है, बल्कि कई बार समय पर सही इलाज न मिलने के कारण जान का भी खतरा उत्पन्न हो जाता है। योगी सरकार अब इस पूरे तंत्र को ध्वस्त करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है।
अधिकारियों को भी चेतावनी
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कहीं भी लापरवाही या मिलीभगत पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इसका उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्गीय नागरिकों को सस्ता और भरोसेमंद इलाज उपलब्ध कराना है।
अवैध मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई
सरकारी अस्पतालों के आसपास खुले अवैध मेडिकल स्टोर्स जो नियमों को ताक पर रखकर महंगे दामों पर दवाएं बेच रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी है। प्रशासन का लक्ष्य है कि मरीजों को उनकी जरूरत की दवाएं बाजार मूल्य से अधिक पर न खरीदनी पड़ें।
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