शक्ति का प्रतीक: 4 देश जिनके पास हर प्रकार की मिसाइलें

नई दिल्ली। आज के बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में मिसाइल क्षमताएं किसी भी देश की सैन्य शक्ति और वैश्विक प्रभाव का प्रतीक बन चुकी हैं। जिन देशों के पास हर प्रकार की मिसाइलें जैसे बैलिस्टिक, क्रूज़, हाइपरसोनिक, एंटी सैटेलाइट मिसाइल और इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलें (ICBMs) हैं, वे न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

1. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA): 

अमेरिका के पास दुनिया की सबसे आधुनिक और विविध मिसाइल प्रणाली है। ‘मिनिटमैन-III’ जैसी ICBM, 'टॉमहॉक' क्रूज़ मिसाइल और अत्याधुनिक हाइपरसोनिक प्रोग्राम इसकी शक्ति के उदाहरण हैं। अमेरिका की मिसाइल प्रणाली न केवल भूमि आधारित है, बल्कि वायु और जल में भी इसकी मौजूदगी सुनिश्चित करती है, जिसे ट्रायड स्ट्रैटेजी कहा जाता है।

2. रूस: पारंपरिक शक्ति

रूस की मिसाइल क्षमताएं शीत युद्ध के दौर से ही विश्व प्रसिद्ध रही हैं। ‘RS-28 सरमात’ जैसी सुपरसोनिक और परमाणु क्षमता से लैस ICBM मिसाइलें इसे खास बनाती हैं। इसके अलावा, 'किंझल' और 'अवांगार्ड' जैसे हाइपरसोनिक हथियार रूस को तकनीकी बढ़त भी दिलाते हैं। रूस की रणनीति, आक्रामक सुरक्षा और भौगोलिक विस्तार पर केंद्रित रही है।

3. चीन: उभरती मिसाइल महाशक्ति

चीन ने हाल के वर्षों में अपने मिसाइल कार्यक्रमों में जबरदस्त प्रगति की है। 'DF-41' ICBM, जिसकी रेंज 12,000 किलोमीटर तक है, चीन की शक्ति का प्रतीक है। साथ ही, चीन की एंटी-सैटेलाइट मिसाइलें और समुद्र आधारित बलिस्टिक मिसाइलें उसे बहु-आयामी शक्ति बनाती हैं।

4. भारत: संतुलन की नीति के साथ आत्मनिर्भर मिसाइल शक्ति

भारत ने अपनी मिसाइल तकनीक में आत्मनिर्भरता और संतुलन का अनूठा उदाहरण पेश किया है। ‘अग्नि’ सीरीज़ की बैलिस्टिक मिसाइलें, ‘ब्रह्मोस’ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल, और अब ‘हाइपरसोनिक’ जैसी परियोजनाएं भारत को वैश्विक स्तर पर खड़ा करती हैं। वहीं, एंटी सैटेलाइट मिसाइल भारत को सुपरपावर बनाती हैं।

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