बिहार में डेंगू का खतरा बढ़ा: पटना बना हॉटस्पॉट

पटना। बिहार में डेंगू संक्रमण ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है, खासकर राजधानी पटना में डेंगू वाहक एडिज मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अगस्त माह में लगातार हो रही बारिश और जलजमाव ने डेंगू को पनपने के लिए अनुकूल वातावरण दे दिया है। इसके परिणामस्वरूप डेंगू मरीजों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है।

मंगलवार को पटना में 12 नए डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई, जिनमें से अधिकांश 10 मरीज 14 से 31 वर्ष की उम्र के हैं। इससे स्पष्ट है कि युवा वर्ग और स्कूली छात्र सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। विद्यालयों में पानी भरने के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। ड्रेस कोड के चलते बच्चों को हाफ ड्रेस पहननी पड़ रही है, जिससे मच्छरों के काटने का खतरा और बढ़ गया है।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद के अनुसार, हाल ही में मिले मरीजों में से अधिकतर की जांच पीएमसीएच में हुई है, जबकि कुछ अन्य प्रमुख अस्पतालों और निजी लैब्स में भी डेंगू की पुष्टि की गई है। जनवरी से लेकर अब तक जिले में कुल 225 डेंगू मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें से अकेले 150 मरीज सरकारी मेडिकल संस्थानों जैसे पीएमसीएच, एम्स पटना और एनएमसीएच में मिले हैं।

क्या है समाधान?

डेंगू पर नियंत्रण के लिए प्रशासन को सिर्फ अस्पतालों में इलाज तक सीमित न रहकर, जमीनी स्तर पर सफाई, जागरूकता और मच्छर नियंत्रण अभियान तेज करना होगा। स्कूलों में बच्चों को पूरी बांह के कपड़े पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए और पानी जमा होने वाले स्थानों की नियमित सफाई अनिवार्य होनी चाहिए। साथ ही, घर-घर जाकर मच्छर रोधी उपायों को बढ़ावा देना भी जरूरी है।

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