महिलाओं का सशक्तिकरण: स्वावलंबन की ओर कदम
परंपरागत तौर पर, ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों में सीमित भागीदारी मिलती रही है। लेकिन ‘महिला सूर्य सखी’ पहल इस परंपरा को बदलने का प्रयास कर रही है। स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं को सौर ऊर्जा उपकरणों जैसे सोलर पैनल, सोलर लाइटिंग, और ईवी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना, रख-रखाव और मरम्मत का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि उनके कौशल और आत्मविश्वास में भी सुधार होगा।
स्वच्छ ऊर्जा के साथ सामाजिक और आर्थिक विकास
इस योजना का एक बड़ा उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा का प्रचार-प्रसार भी है। ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में जहां बिजली की समस्या आम है, वहां सौर ऊर्जा आधारित विकेंद्रीकृत ऊर्जा समाधान (डीआरई) से स्थायी और भरोसेमंद ऊर्जा उपलब्ध कराई जाएगी। इससे न केवल महिलाओं के रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, बल्कि पूरे समुदाय की जीवन गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
उत्तर प्रदेश में 2030 तक एक लाख महिला उद्यमी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के सहयोग से 2030 तक एक लाख महिला नेतृत्व वाले सौर ऊर्जा आधारित उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए मंगलवार, 27 अगस्त को ‘महिलाओं की मजबूत आर्थिक स्थिति के लिए विकेंद्रीकृत ऊर्जा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश के सौर ऊर्जा विशेषज्ञों ने भाग लिया और इस पहल को सफल बनाने के लिए रणनीतियां तैयार कीं।
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