6वीं पीढ़ी का फाइटर जेट: यूरोपीय देशों का जवाब अमेरिका बेचैन!

न्यूज डेस्क। जर्मनी, फ्रांस और स्पेन मिलकर एक ऐसा फाइटर जेट बना रहे हैं, जो आधुनिक युद्ध की परिभाषा ही बदल देगा। इस प्रोजेक्ट का नाम है। FCAS, यानी Future Combat Air System। ये सिर्फ एक विमान नहीं, बल्कि एक संपूर्ण हवाई युद्ध प्रणाली होगी, जो 6वीं पीढ़ी की तकनीकों से लैस होगी।

क्या है FCAS प्रोजेक्ट?

FCAS एक विशाल यूरोपीय रक्षा परियोजना है, जिसमें तीन देश  फ्रांस, जर्मनी, और स्पेन मिलकर काम कर रहे हैं। इसका उद्देश्य सिर्फ एक आधुनिक लड़ाकू विमान बनाना नहीं है, बल्कि पूरे हवाई युद्ध के तरीके को डिजिटल रूप से फिर से परिभाषित करना है।

कितना बड़ा है यह प्रोजेक्ट?

इस प्रोजेक्ट पर कुल लागत लगभग 100 अरब यूरो आंकी गई है, जो भारतीय मुद्रा में लगभग ₹10,255 अरब रुपये होती है। इस विशाल बजट से साफ है कि यह सिर्फ एक फाइटर जेट नहीं, बल्कि अगली सदी का हवाई युद्ध प्लेटफॉर्म बनने जा रहा है।

कब आएगा यूरोपीय देशों का FCAS?

इस फाइटर जेट का पहला प्रोटोटाइप 2029-2030 तक तैयार होने की उम्मीद है। 2035 से इसका बड़े पैमाने पर निर्माण शुरू हो सकता है और इसे 2040 तक यूरोप की वायु सेनाओं में शामिल करने की योजना है। इससे यूरोप की ताकत में वृद्धि होगी।

कौन-कौन सी कंपनियाँ बना रही हैं FCAS?

इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं: फ्रांस की Dassault Aviation जिसे फाइटर जेट निर्माण की जिम्मेदारी हैं। जर्मनी की Airbus Defence and Space जिसे एवियोनिक्स और सिस्टम इंटीग्रेशन की जिम्मेदारी हैं। जबकि स्पेन की Indra  को सेंसर, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर टेक्नोलॉजीज़ की जिम्मेदारी हैं।

क्या यह सचमुच गेम चेंजर होगा ये फाइटर जेट?

FCAS सिर्फ एक फिजिकल फाइटर जेट नहीं होगा, बल्कि एक AI-ड्रिवन, क्लाउड-कनेक्टेड, ड्रोन-समर्थित लड़ाकू नेटवर्क होगा। अगर ये प्रोजेक्ट समय पर पूरा होता है और जैसा इसका वादा है, वैसा प्रदर्शन करता है, तो यह न केवल यूरोप की रक्षा क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि अमेरिका, रूस और चीन जैसे दिग्गजों को भी रणनीतिक रूप से पीछे छोड़ सकता है।

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