छठी पीढ़ी के फाइटर जेट: क्या है खास?
छठी पीढ़ी के फाइटर जेट सिर्फ तेज़, स्टेल्थ और घातक नहीं होंगे, बल्कि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), साइबर युद्ध क्षमता, बिना पायलट के ऑपरेशन (optional manned/unmanned), एनर्जी वेपन्स (जैसे लेज़र) और नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर जैसी क्षमताओं से लैस होंगे। इनका मकसद सिर्फ युद्ध में जीत नहीं, बल्कि युद्ध की परिभाषा को ही बदलना है।
कौन-कौन से देश हैं इस रेस में?
1 .अमेरिका: अमेरिका का 'NGAD' (Next Generation Air Dominance) प्रोजेक्ट सबसे उन्नत चरण में है, जो 6th जनरेशन फाइटर जेट विकसित कर रहा हैं।
2 .चीन: चीन भी अपने छठी पीढ़ी के जेट पर गुप्त रूप से काम कर रहा है। J-20 की सफलता के बाद PLA एयर फोर्स अब पूरी तरह से एक AI आधारित, अत्याधुनिक लड़ाकू विमान तैयार करने में जुटी है।
3 .रूस: Su-57 की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए रूस ने 'MiG-41' नामक प्रोजेक्ट की घोषणा की है, जो छठी पीढ़ी का एक हाइपरसोनिक इंटरसेप्टर होगा।
4 .ब्रिटेन: ब्रिटेन अपने 'Tempest' फाइटर प्रोग्राम पर काम कर रहा है, जिसमें इटली और जापान भी साझेदार हैं। यह फाइटर जेट 2035 तक सेवा में आने की उम्मीद है।
5 .जापान: जापान ने F-X या F-3 फाइटर जेट प्रोजेक्ट की घोषणा की है। यह प्रोजेक्ट घरेलू तकनीक और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के दम पर जापान की सैन्य क्षमताओं को नई ऊंचाई देगा।
6 .फ्रांस-इटली-जर्मनी (FCAS प्रोजेक्ट): इन तीन यूरोपीय देशों ने मिलकर 'Future Combat Air System' (FCAS) की नींव रखी है, जो एक संयुक्त फाइटर जेट और ड्रोन सिस्टम पर आधारित होगा।
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