बिहार में 'BLO' कर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी

पटना। बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) के लिए एक बड़ी और राहतभरी घोषणा सामने आई है। लंबे समय से कम मानदेय में महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी निभा रहे बीएलओ कर्मियों के मेहनत को अब चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने उनके सालाना मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जो अब दोगुना हो गया है।

बीएलओ को मिलेगा दोगुना मानदेय

अब तक बीएलओ को वार्षिक रूप से 6000 रुपये का मानदेय मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 12000 रुपये कर दिया गया है। यह निर्णय न केवल उनके कार्य की मान्यता को दर्शाता है, बल्कि इसे और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मतदाता सूची पुनरीक्षण पर विशेष प्रोत्साहन

इस बार बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) किया जा रहा है, जिसके तहत बीएलओ को 6000 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे पहले यह राशि केवल 1000 रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 2000 रुपये कर दिया गया है। चुनाव आयोग के इस निर्णय से स्पष्ट है कि वह मतदाता सूची को और अधिक अद्यतन और विश्वसनीय बनाने के लिए बीएलओ की भूमिका को अहम मानता है।

ईआरओ और एईआरओ को पहली बार मानदेय

बीएलओ के साथ-साथ चुनाव से जुड़े अन्य अधिकारियों के लिए भी एक बड़ी खबर है। निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ERO) और सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (AERO) को भी पहली बार मानदेय देने की घोषणा की गई है। अब ERO को 30,000 रुपये और AERO को 25,000 रुपये मानदेय मिलेगा। यह कदम इन अधिकारियों की भूमिका को औपचारिक रूप से मान्यता देने की दिशा में एक स्वागत योग्य पहल है।

आयोग का रुख और भविष्य की दिशा

चुनाव आयोग ने यह जानकारी एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से साझा की, और बताया कि बीएलओ के मानदेय में पिछली बार संशोधन वर्ष 2015 में हुआ था। लगभग एक दशक बाद किए गए इस बदलाव से बीएलओ की आर्थिक स्थिति में कुछ हद तक सुधार आने की उम्मीद है।

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